हिण्डौनसिटी. नवरात्र की आराधना सम्पन्न होने पर बुधवार को पूजा पांडालों से दुर्गा प्रतिमा की विसर्जन यात्राएं निकाली गई। देवी मां विदाई की वेला में आसमां मेंं छाई बदरियां झलक उठी। बूदांबांदी में भीगते हुए देवी मां के जयकारों के बीच में भजनों पर नृत्य कर गुलाल उड़ाते हुए भक्तों ने दुर्गा मां की प्रतिमाओं को जलसेन व अन्य जलस्त्रोतों में विसर्जित किया। एक साथ 25 विसर्जन यात्राएं निकलने से शहर देवी की भक्ति में रंगा नजर आया। यात्राओं की कतार लगने से अपराह्न 3 बजे से शाम तक सडक़ पार जाम की स्थित रहीं। प्रतिमा विसर्जन का दौर रात तक चला।
शारदीय नवरात्र में दुर्गा पूजा के समापन पर मंगलवार रात को पूजा पांडालों में हवन किए गए। याज्ञिक पंडितों के वेदमंत्रोच्चार पर देर रात से बुधवार तडक़े के हवन में आहूतियां दीं गई। बुधवार को दुर्गा प्रतिमाओं का देवी मां के नौंवे स्वरूप का श्रंगार कर पूजा की गई। दोपहर बाद से पूजा पांडालों में विसर्जन यात्राओं का दौर शुरू हो गया। झांकियां सजा कर बैण्ड बाजे और डीजे के साथ महिला-पुरुष गुुलाल उड़ाते हुए प्रतिमाओं को लेकर जलसेन घाट पर पहुंचे। जहां सामूहिक आरती करने के बाद देवी मां की प्रतिमा को जयकारों के बीच जल में विसर्जित किया। शहर में टीकाकुण्ड, शीश महल देवी मां, काना हनुमान, शीतला चौराहा, वाल्मीकि बस्ती, चौबेपाड़ा, मण्डावरा रोड के पाण्डाल की एक साथ विसर्जन यात्रा निकली।