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एप्पल के सीईओ टिम कुक ने किया खुलासा, अमरीका में बिके ज़्यादातर iPhones भारत में बने

एप्पल के सीईओ टिम कुक ने हाल ही में एक बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि पिछले तिमाही में अमेरिका में बिकने वाले ज़्यादातर iPhones भारत में बनाए गए थे। ये बयान एप्पल की कमाई से जुड़ी रिपोर्ट के बाद सामने आया है और इससे साफ हो गया है कि कंपनी अपनी सप्लाई चेन में बड़ा बदलाव कर रही है।

भारत

Pankaj Meghwal

Aug 02, 2025

एप्पल के सीईओ टिम कुक ने हाल ही में एक बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि पिछले तिमाही में अमेरिका में बिकने वाले ज़्यादातर iPhones भारत में बनाए गए थे। ये बयान एप्पल की कमाई से जुड़ी रिपोर्ट के बाद सामने आया है और इससे साफ हो गया है कि कंपनी अपनी सप्लाई चेन में बड़ा बदलाव कर रही है।

अब भारत एप्पल के लिए सिर्फ एक मैन्युफैक्चरिंग लोकेशन नहीं, बल्कि अमेरिका के लिए iPhones का मुख्य उत्पादन केंद्र बन चुका है। वहीं, वियतनाम को MacBook, iPad और Apple Watch जैसी प्रोडक्ट्स के लिए उत्पादन केंद्र के रूप में चुना गया है।

चीन, जो लंबे समय तक एप्पल का सबसे बड़ा मैन्युफैक्चरिंग बेस था, अब मुख्य रूप से अमेरिका के बाहर के बाजारों के लिए उत्पादन कर रहा है। यह बदलाव अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते राजनीतिक तनाव और अमेरिका की ‘चाइना-डिपेंडेंट’ सप्लाई चेन को लेकर बढ़ती चिंता के चलते किया गया है।

भारत के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। एप्पल के मुताबिक जून तिमाही में भारत, अमेरिका, कनाडा, पश्चिमी यूरोप, मिडिल ईस्ट और लैटिन अमेरिका जैसे कई देशों में रिकॉर्ड रेवेन्यू दर्ज किया गया। भारत और दक्षिण एशिया में एप्पल की बिक्री तेज़ी से बढ़ी है। iPhone की बिक्री ब्राज़ील और मिडिल ईस्ट में दो अंकों की ग्रोथ के साथ बढ़ी है। इसके अलावा कंपनी भारत में अपनी रिटेल मौजूदगी और मजबूत करने की योजना बना रही है।

हालांकि, इस बदलाव को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नाराज़गी जताई है। इस साल की शुरुआत में कतर की राजधानी दोहा में एक कार्यक्रम के दौरान ट्रंप ने कहा था कि उन्होंने टिम कुक से कहा, “मैं तुम्हारे साथ अच्छा व्यवहार कर रहा हूं, लेकिन तुम भारत में फैक्ट्री बना रहे हो। मुझे ये मंजूर नहीं है।” ट्रंप की चिंता अमेरिका में नौकरियों को लेकर है।

इसी बीच अमेरिका ने भारत से आयात होने वाले कुछ उत्पादों पर 25% का नया टैरिफ लगाया है। हालांकि स्मार्टफोन इन टैरिफ से फिलहाल बचे हुए हैं, फिर भी एप्पल पर भारी असर पड़ा है। टिम कुक ने बताया कि जून तिमाही में एप्पल को टैरिफ के चलते करीब 800 मिलियन डॉलर (लगभग 6,700 करोड़ रुपये) का अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ा। वहीं सितंबर तिमाही में यह आंकड़ा बढ़कर 1.1 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है। यह राशि बदल भी सकती है, क्योंकि अमेरिकी व्यापार नीतियों में लगातार बदलाव हो रहे हैं।

भारत अब एप्पल के लिए सिर्फ उत्पादन नहीं, बल्कि एक तेजी से बढ़ता उपभोक्ता बाजार भी बन चुका है। आने वाले वर्षों में यह बदलाव ग्लोबल इलेक्ट्रॉनिक्स ट्रेड को एक नई दिशा दे सकता है।