Vice President of the company वाइस प्रेसिडेंट प्रवीण चतुर्वेदी ने बताया कि चीन और यूरोप के प्लांट में हमारी टेनोवा कंपनी ने इस तकनीक को लगाया है। वहां हाइड्रोजन का इस्तेमाल कर स्टील का उत्पादन किया जा रहा है। भारत में अब तक इसके इस्तेमाल से इस्पात का उत्पादन नहीं हो रहा है। इस तकनीक का इस्तेमाल सेल, टाटा, जेएसपीसीएल समेत दूसरी तमाम बड़ी कंपनी कर सकती है। हाइड्रोजन बेस्ड स्टील आज के समय में बहुत बड़ा विषय है। खासकर भारत सरकार इसे गंभीरता से ले रही है। 2050 तक जितने भी स्टील उत्पादन करने वाले संयंत्र हैं, वे हाइड्रोजन बेस्ड स्टील का ही उत्पादन करेंगे।
रोजगार के बड़े अवसर
उन्होंने बताया कि भारत में विकासशील देश है। यहां रेल, सड़क और इंफ्रास्ट्रक्चर के काम जारी है। इस वजह से स्टील की मांग अधिक है। ऐसे में स्टील प्लांट के साथ-साथ इससे जुड़े हुए सहायक उद्योगों में भी उत्पादन अधिक होता रहेगा। स्टील प्लांट समेत दूसरे उद्योगों में भी रोजगार के अवसर बने रहेंगे।
स्क्रैप का नहीं करना होगा आयात
डीजीएम उमाकांत ने बताया कि Government of India भारत सरकार ने स्क्रैप रीसाइकिल पॉलिसी शुरू किया है। भारत में अब स्क्रैप भी जनरेट होगा, अब तक दूसरे देश से खरीदते थे। कार को 15 साल बाद स्कैप करना है, इसके लिए सरकार इंसेंटिव भी दे रही है। स्कैप को अब दूसरे देश से आयात करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। स्क्रैप से स्टील जनरेट कर सकते हैं। स्क्रैप गलाएंगे और उससे स्टील बनाएंगे। हमारी कंपनी का इसमें भी बड़ा योगदान है। स्कैप से स्टील चाइना और दूसरी यूरोप कंट्री में बनाया जा रहा है। स्क्रैप के लिए किसी पर निर्भर नहीं रहना है। उन्होंने बताया कि चाइना में प्लांट लगे हुए हैं। जो इस कंपनी की तकनीक से ही स्टील का उत्पादन कर रहे हैं। यूरोप में भी हमारे प्लांट लगे हुए हैं। अपना हाइब्रिट टेक्नोलॉजी सप्लाई किया है। https://www.patrika.com/exclusive/italian-company-wants-to-set-up-a-rail-mill-in-bsp-18949576