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भिलाई

Watch video रीसाइक्लिंग प्लांट नाम का, 24 घंटे बरसाती नाले में जा रहा संयंत्र का पानी

भीषण गर्मी में जब तालाब सूख रहे हैं। ऐसे में बरसाती नाला में पानी का वेग बढ़ गया है। बीएसपी से निकलने वाला पानी तेजी से नाला से गुजर रहा है। यह नाला सेक्टर-6 से होता हुआ, शिवनाथ नदी की ओर बढ़ता है। इस वजह से इसमें पानी को डालने से पहले उपचार करने की जरूरत है।

भिलाई

Abdul Salam

Jun 12, 2024

भिलाई स्टील प्लांट में उपयोग हो चुके पानी को बचाने के नाम पर सेक्टर-5 में रॉ वाटर रीसाइक्लिंग प्लांट तैयार किया है। इसको तैयार करने का मकसद जीरो वाटर डिस्चार्ज तक पहुंचना था, इसके विपरीत यहां से 24 घंटे पानी बरसाती नाला में जा रहा है। प्लांट में एक बार इस्तेमाल होने की वजह से पानी का रंग पूरी तरह से बदला हुआ है।

प्लांट के हैं तीन आउट-लेट

बीएसपी में उपयोग होने के बाद तीन नालों से पानी संयंत्र के बाहर निकलता है। प्रबंधन ने एक नाले पर रॉ वाटर रीसाइक्लिंग प्लांट सेक्टर-5 में बना रखा है। इसके अलावा संयंत्र के दो आउट लेट से निकलने वाले पानी सीधे नदियों की ओर बढ़ रहे हैं। भिलाई 3 में भी रीसाइक्लिंग प्लांट लगाने की योजना है, जिससे पानी का फिर से उपयोग प्लांट में किया जा सके।

इस तरह किया जाता है ट्रीटमेंट

रॉ वाटर रीसाइक्लिंग प्लांट के तहत संयंत्र से निकलने वाले पानी को एक-एक कर तीन टंकी से गुजारा जाता है। पहली टंकी से जब पानी गुजरेगा, उसमें पानी में मौजूद भारी कण रुक जाएंगे। इसके बाद पानी दूसरी टंकी से निकलेगा, इसमें उससे हल्ले कण रुक जाएंगे। तीसरी टंकी से जब पानी निकलेगा तो वह साफ होता जाएगा। इस तरह पानी को उद्योग में उपयोग करने लायक बना लिया जा सकता है।

साल में 60 करोड़ से अधिक का भुगतान

बीएसपी शासन को हर साल पानी के बदले में 60 करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान करता है। इसके बाद पानी का जतन करना छोड़, इस तरह से बरसाती नाला में बहा देना, कई तरह के सवाल खड़े करता है।