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थाईलैंड और कंबोडिया के बीच उग्र हुई जंग, तीसरे पक्ष की मध्यस्थता लेने से किया इनकार

थाईलैंड और कंबोडिया के बीच लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद ने अब उग्र रूप ले लिया है। हाल के दिनों में सीमा पर गोलीबारी और तेज हो गई है। लगातार दूसरे दिन भारी हथियारों से हमला हुआ है, जिसमें अब तक कम से कम 16 लोगों की मौत हो चुकी है। इन मृतकों में ज़्यादातर थाई नागरिक हैं।

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Pankaj Meghwal

Jul 25, 2025

थाईलैंड और कंबोडिया के बीच लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद ने अब उग्र रूप ले लिया है। हाल के दिनों में सीमा पर गोलीबारी और तेज हो गई है। लगातार दूसरे दिन भारी हथियारों से हमला हुआ है, जिसमें अब तक कम से कम 16 लोगों की मौत हो चुकी है। इन मृतकों में ज़्यादातर थाई नागरिक हैं।

इस ताज़ा टकराव ने दक्षिण-पूर्वी एशिया में चिंता बढ़ा दी है। अमरीका, चीन और मलेशिया जैसे देशों ने दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता कराने की पेशकश की है। लेकिन थाईलैंड ने किसी भी तीसरे देश की मदद लेने से इनकार कर दिया है। थाईलैंड की विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता निकोर्नडेज बालांकुरा का कहना है कि यह मामला केवल थाईलैंड और कंबोडिया के बीच का है और इसका समाधान केवल द्विपक्षीय बातचीत से ही होना चाहिए।

दोनों देश एक-दूसरे पर हमले की शुरुआत करने का आरोप लगा रहे हैं। दरअसल यह झड़प एक विवादित इलाके में छोटे हथियारों की फायरिंग से शुरू हुई, जो जल्दी ही भारी गोलाबारी में बदल गई। ये वही सीमा है, जिस पर पिछले सौ साल से अधिक समय से विवाद चला आ रहा है।

थाईलैंड का कहना है कि अगर कंबोडिया हिंसा बंद करता है, तो बातचीत के रास्ते खुल सकते हैं। लेकिन फिलहाल वह किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को जरूरी नहीं मानता।

दूसरी ओर, कंबोडिया ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से इस मुद्दे पर बैठक बुलाने की अपील की है। कंबोडियाई प्रधानमंत्री हुन मानेत ने थाईलैंड पर “पूर्व नियोजित और बिना उकसावे के हमला” करने का आरोप लगाया है।

इस झड़प से एक दिन पहले थाईलैंड ने अपने राजदूत को कंबोडिया से वापस बुला लिया और कंबोडिया के राजदूत को भी देश छोड़ने को कहा। यह कदम थाई सैनिकों के घायल होने की घटना के बाद उठाया गया, जिन पर हाल ही में बारूदी सुरंगों से हमला हुआ था। थाईलैंड का आरोप है कि ये सुरंगें हाल में कंबोडिया ने बिछाई थीं, वहीं कंबोडिया ने इसे सिरे से नकार दिया है।

आसियान संगठन के वर्तमान अध्यक्ष मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने दोनों देशों के नेताओं से बात की और उन्हें शांति का रास्ता अपनाने के लिए कहा। थाईलैंड का कहना है कि अगर आसियान बातचीत के लिए मंच तैयार करना चाहता है, तो वह उसका स्वागत करेगा, लेकिन प्राथमिकता द्विपक्षीय बातचीत को ही दी जाएगी।

वर्तमान स्थिति तनावपूर्ण है, लेकिन कूटनीति की गुंजाइश अभी भी बची हुई है।