7 अक्टूबर 2023 की यही वही तारीख है जब सुबह-सुबह, हमास ने इज़राइल पर अचानक एक बड़ा हमला किया। एक साथ हजारों रॉकेट दागे गए, हमास के लड़ाके दक्षिणी इज़राइल के कई इलाकों में घुस आए। इस हमले में करीब 1,200 लोग मारे गए—जिनमें आम नागरिक, पुलिसकर्मी और सैनिक शामिल थे। लगभग 250 लोगों को बंधक बना लिया गया।
इस दौरान सबसे भयानक हमले इजरायल के किबुत्ज़ कफर अज़ा में हुआ, जहां पूरे परिवारों को मार डाला गया। रेईम के म्यूज़िक फेस्टिवल में नाच-गाना कर रहे सैकड़ों लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया। ओफाकीम और स्डेरोट जैसे शहरों में लोग हमास के दहशतगर्दों से लड़ते हुए मारे गये। हमले के बाद इज़राइल ने इसे सीधा युद्ध घोषित कर दिया और हमास को पूरी तरह खत्म करने की कसम खाली। इज़राइल ने गाज़ा पर भारी हवाई हमले शुरू किए। अक्टूबर के आखिर में ग्राउंड से भी सेना गाजा में घुसने लगी। इस बदले की आग में गाज़ा के घर, स्कूल और अस्पताल तबाह हो गए। खासकर उत्तरी गाज़ा में लाखों लोग बेघर हो गए। नवंबर के आखिर में, अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद एक अस्थायी सीज़फायर हुआ। इस दौरान 100 से ज़्यादा बंधक और 240 फिलिस्तीनी कैदी एक-दूसरे को सौंपे गए। लेकिन ये शांति ज्यादा समय तक नहीं टिक सकी।
2024 की शुरुआत में लड़ाई और भी भयानक हो गई। इज़राइली सेना गाज़ा के अंदर रफ़ा, खान यूनुस और दूसरे शहरों में गहराई तक पहुंच गई। हालात इतने बिगड़ गए कि आखिर संयुक्त राष्ट्र को बीच में दखल देना पड़ा। जिसके जवाब में इज़राइल ने कहा कि हमास आम लोगों को ढाल बनाकर इजरायली सेना को निशाना बना रहा है। जनवरी 2025 में अमेरिका और मिस्र की मध्यस्थता से एक बार फिर सीज़फायर हुआ। इस बार भी बंधकों और कैदियों की अदला-बदली हुई। लेकिन मार्च आते-आते ये समझौता भी टूट गया। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर समझौते को तोड़ने का आरोप लगाया।मई और जून में इज़राइल ने अब तक का सबसे बड़ा हमला शुरू किया। सेना ने उत्तरी और मध्य गाज़ा के बड़े हिस्सों पर कब्जा करना शुरू कर दिया, वहीं हमास ने गुरिल्ला हमले और रॉकेट दागने जारी रखे। अगस्त तक ये लड़ाई दक्षिणी गाज़ा में पहुंच चुकी है। अब रफ़ा और खान यूनुस बमबारी की चपेट में आ गए हैं।
संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, अब तक गाज़ा में 67,000 से ज़्यादा लोग मारे जा चुके हैं, जिनमें हजारों औरतें और बच्चे शामिल हैं। वहीं, इज़राइल ने करीब 1,665 लोगों की मौत की पुष्टि की है, जिनमें ज़्यादातर सैनिक हैं। वर्तमान हालात की बात करें तो अक्टूबर की शुरूआत से ही अमेरिका और कतर की मध्यस्थता से मिस्र में इज़राइल और हमास के बीच अप्रत्यक्ष बातचीत शुरू हुई है। अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 20 बिंदुओं वाला एक शांति प्रस्ताव पेश किया। हमास ने इसके के कुछ पहलुओं को मानने की भी बात कही है। ट्रंप ने इज़राइल से तुरंत बमबारी रोकने की अपील की ताकि बचे हुए बंधकों को रिहा किया जा सके। इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि प्रस्ताव के पहले चरण को लागू करने की तैयारी की जा रही है। लेकिन उसी दिन गाज़ा में फिर से हवाई हमले देखे गए।
इन हालातों को देखकर एक बात तो साफ है कि अभी फिलहाल किसी भी तरह का कोई ठोस हल नहीं निकल पाया है। तीन साल बाद भी ये युद्ध रुकेगा या नहीं, इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। इस जंग ने पूरे मध्य पूर्व को बदल दिया है—नई राजनीतिक साझेदारियां बनी हैं, अमेरिका की कूटनीति की परीक्षा हो रही है, लेकिन आम लोग—चाहे इज़राइल में हों या गाज़ा में—इस संघर्ष में फंसे हुए हैं।