एशिया कप 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाला मुकाबला फिर से सुर्खियों में है। यह मैच 14 सितंबर को खेला जाना तय है, लेकिन इसे लेकर सोशल मीडिया पर भारी विरोध शुरू हो गया है। इस विरोध की बड़ी वजह अप्रैल में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुआ आतंकी हमला है, जिसमें पाकिस्तान-समर्थित आतंकियों ने 26 लोगों की जान ले ली थी। इस घटना के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव इतना बढ़ा कि कुछ समय के लिए सैन्य टकराव की स्थिति बन गई थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह मुकाबला रद्द नहीं होगा। सूत्रों का कहना है कि यह कोई द्विपक्षीय (bilateral) सीरीज़ नहीं है, बल्कि एक बहुराष्ट्रीय टूर्नामेंट का हिस्सा है। अगर भारत इस मैच से हटता है या मुकाबला नहीं खेलता, तो पाकिस्तान को वॉकओवर यानी बिना खेले जीत मिल जाएगी, जो किसी भी लिहाज से भारत के हित में नहीं है।
वहीं खेल मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि इस समय पाकिस्तान के साथ किसी भी द्विपक्षीय खेल आयोजन की अनुमति नहीं दी जाएगी। लेकिन जहां बात बहुराष्ट्रीय टूर्नामेंट की होती है, वहां ओलंपिक चार्टर के तहत राजनीतिक मतभेदों के आधार पर भेदभाव नहीं किया जा सकता। यह नियम भारत के 2036 ओलंपिक की मेज़बानी की दावेदारी को देखते हुए और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। क्रिकेट भी अब ओलंपिक खेलों का हिस्सा बन चुका है और 2028 में T20 फॉर्मेट में पहली बार ओलंपिक में खेला जाएगा। दरअसल जब तक संसद में नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल पास नहीं हो जाता, तब तक BCCI खेल मंत्रालय के सीधे नियंत्रण में नहीं आता। यह बिल हाल ही में संसद में पेश हुआ है लेकिन कानून बनने में अभी समय लगेगा। इसलिए इस वक्त BCCI को ही यह फैसला लेना है कि भारत यह मैच खेलेगा या नहीं।
अगर भारत-पाकिस्तान का मैच नहीं होता तो इसका बड़ा आर्थिक नुकसान होगा।
• एशिया कप का प्रसारण अधिकार Sony Network ने 170 मिलियन डॉलर में खरीदा है।
• अगर भारत-पाक मैच नहीं हुआ, तो चैनल को भारी घाटा होगा।
• इससे Asian Cricket Council (ACC) की कमाई भी प्रभावित होगी।
• ACC के 24 सदस्य देशों में ज्यादातर विकासशील क्रिकेट देश हैं, जिनकी फंडिंग पर असर पड़ेगा।
इसके अलावा रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लों जैसे कई सैन्य अधिकारी इस मैच का बहिष्कार करने की मांग कर चुके हैं। वहीं, पूर्व कप्तान और BCCI अध्यक्ष सौरव गांगुली का कहना है कि आतंकवाद की निंदा होनी चाहिए, लेकिन खेल चलते रहने चाहिए।
बता दें कि भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय क्रिकेट सीरीज़ 2008 के मुंबई हमलों के बाद से बंद है। लेकिन ICC और ACC जैसे बहुराष्ट्रीय टूर्नामेंट्स में ये टीमें आमने-सामने आती रही हैं। इस बार भी एशिया कप में इनकी भिड़ंत होने वाली है और इस पर सरकार, बोर्ड, और जनता – सभी की निगाहें टिकी हैं। ऐसे में जब तक कानून नहीं बदलता, तब तक अंतिम फैसला BCCI के हाथ में ही रहेगा।