भारत सरकार ने हाल ही में GST दरों में बदलाव और इनकम टैक्स में राहत के ज़रिए एक बड़ा फैसला लिया है, जिसका सीधा फायदा मध्यम वर्ग को मिलने वाला है। रेलवे एवं सूचना-प्रसारण और इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक इंटरव्यू में बताया कि ये बदलाव प्रधानमंत्री मोदी की उस सोच का हिस्सा हैं, जो मिडिल क्लास की आर्थिक चिंता को कम करने की दिशा में लगातार काम कर रही है।
नई नीति के तहत, जहां एक तरफ इनकम टैक्स की छूट की सीमा बढ़ाई गई है, वहीं दूसरी ओर GST की दरों को दो मुख्य स्लैब – 5% और 18% – में फिर से व्यवस्थित किया गया है। इससे रोज़मर्रा की बहुत सी चीज़ें, जैसे साबुन, इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स और गाड़ियां, अब सस्ती हो सकती हैं। विशेष रूप से, इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स पर GST में कटौती का असर उन परिवारों पर ज़रूर पड़ेगा जो अपने घरों को अपग्रेड करना चाहते हैं। आज के समय में हर घर में कई इलेक्ट्रॉनिक चीज़ें होती हैं – चाहे वो किचन अप्लायंसेज़ हों या एंटरटेनमेंट डिवाइसेज़। इन प्रोडक्ट्स के सस्ते होने से आकांक्षी परिवारों की ज़रूरतें और सपने दोनों पूरे होने में मदद मिलेगी।
अश्विनी वैष्णव के मुताबिक, भारत की अर्थव्यवस्था करीब 330 लाख करोड़ रुपये की है, इसमें से 200 लाख करोड़ रुपये का हिस्सा सिर्फ खपत से आता है। सरकार को उम्मीद है कि टैक्स में यह राहत खपत को 10% तक बढ़ा सकती है। जब लोग ज़्यादा खर्च करेंगे, तो बाज़ार में डिमांड बढ़ेगी। इससे कारोबारियों को निवेश करने की प्रेरणा मिलेगी, जिससे आर्थिक विकास को भी रफ्तार मिलेगी। इसे अर्थशास्त्र की भाषा में मल्टीप्लायर इफेक्ट कहा जाता है।
ये सारे कदम मिलकर आम लोगों की खरीदने की ताकत बढ़ाते हैं, जिससे न सिर्फ उनकी ज़िंदगी बेहतर होती है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था भी मज़बूत बनती है। इनकम टैक्स में राहत 1 अप्रैल से ही लागू हो चुकी है, और अब GST दरों में बदलाव भी आने वाले समय में असर दिखाएंगे। सरकार का मकसद साफ है – लोगों की जेब में ज़्यादा पैसा पहुंचे, ताकि वे ज़्यादा खरीदारी कर सकें, और देश की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाई मिल सके।