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प्रयागराज में गंगा यमुना की तबाही, बाढ़ से बुरी तरह बिगड़े हालात, जल प्रलय से त्राहिमाम

प्रयागराज में कुछ स्थानों पर लोगों को मोबाइल चार्जिंग के लिए नाव से 2 घंटे का सफर करना पड़ रहा है, जबकि कई इलाकों में सड़कें और रास्ते डूब गए हैं। अगर नुकसान की बात की जाए तो सड़कों और मकानों को भारी नुकसान पहुंचा है, जिसमें 95 करोड़ की सड़क भी शामिल है जो बह गई। शहर में नालों की साफ-सफाई ठीक से नहीं होने और बाढ़ के पानी के दबाव के कारण 50 से ज्यादा मोहल्लों में गंदा पानी घरों में घुस गया है। कई जगह पेड़ और घर भी गिर गए हैं।

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Darsh Sharma

Aug 05, 2025

उत्तरप्रदेश के प्रयागराज में पिछले एक हफ्ते से गंगा और यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। अगर ऐसा ही रहा तो अगले कुछ दिनों में 1978 की बाढ़ का रिकॉर्ड टूट सकता है। केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक, गंगा का जलस्तर फाफामऊ में 88.390 मीटर और यमुना का जलस्तर नैनी में 87.990 मीटर तक पहुंचने का रिकॉर्ड है। पिछले कुछ सालों के आंकड़ों पर नजर डालें तो फाफामऊ में 2021 में जलस्तर 86.04 मीटर, 2022 में 85.93 मीटर, 2023 में 81.250 मीटर और 2024 में 84.07 मीटर था। लेकिन 2025 में गंगा और यमुना का बढ़ता जलस्तर चिंता का सबब बन गया है। कछारी इलाकों समेत दो दर्जन से ज्यादा मोहल्लों में बाढ़ का पानी घुस गया है। करीब 1 लाख घर प्रभावित हुए, जिसमें प्रयागराज के 10,000 से अधिक घर पूरी तरह जलमग्न हो गए। 12,000 से अधिक लोग अपने घरों से विस्थापित हुए हैं, जो राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं। छोटा बघाड़ा जैसे निचले इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।