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बस्सी अनाज मंडी मीठे बाजरे की महक से गुलजार, गुजरात-मारवाड़ तक डिमाण्ड

बस्सी. जयपुर जिले की बस्सी अनाज मंडी इन दिनों मीठे बाजरे की महक से गुलजार है। मण्डी में सुबह से ही ट्रैक्टर-ट्रॉलियों की कतारें दूर तक नजर आती हैं।

बस्सी. जयपुर जिले की बस्सी अनाज मंडी इन दिनों मीठे बाजरे की महक से गुलजार है। मण्डी में सुबह से ही ट्रैक्टर-ट्रॉलियों की कतारें दूर तक नजर आती हैं। किसानों की मेहनत अब रंग ला रही है क्योंकि इस बार न सिर्फ पैदावार बढ़ी है, बल्कि स्वाद और गुणवत्ता ने भी मंडी का रुख बदल दिया है।

मंडी सूत्रों के अनुसार रोजाना करीब 100 से 120 ट्रॉलियां बाजरे से लदी पहुंच रही हैं, जिनमें प्रतिदिन सात से आठ हजार क्विंटल बाजरा आ रहा है। पिछले साल की तुलना में यह आवक करीब 25 प्रतिशत ज्यादा है। बढ़ती आवक के बावजूद दाम स्थिर हैं। इस समय मंडी में मीठे बाजरे का भाव 2000 से 2600 रुपए प्रति क्विंटल चल रहा है। किसानों का कहना है कि यह भाव संतोषजनक है और उन्हें मेहनत का उचित मूल्य मिल रहा है। किसानों के चेहरे पर मुस्कान गांव गुढ़ा, लालगढ़, घाटा, बैनाड़ा के किसानों ने बताया कि इस बार मौसम ने खूब साथ दिया।

बारिश समय पर होने और कीटों का प्रकोप कम रहने से बाजरे की गुणवत्ता बेहतर बनी। किसान शम्भूलाल मीणा बताते हैं, इस बार का बाजरा दानेदार, स्वादिष्ट और मीठा है। मंडी में जो भी लेकर आ रहे हैं, सबका माल झट बिक रहा है। व्यापारियों की राय मंडी के व्यापारी विनय डंगायच कहते हैं कि बस्सी का मीठा बाजरा गुजरात, मारवाड़ और सौराष्ट्र के बाजारों में खूब पसंद किया जा रहा है। वहां के व्यापारी इसका एडवांस ऑर्डर भी दे रहे हैं, क्योंकि इसका स्वाद सामान्य बाजरे से कहीं बेहतर है। उन्होंने बताया कि अगर इसी तरह की गुणवत्ता बरकरार रही तो आने वाले समय में बस्सी का नाम ‘मीठे बाजरे का ब्रांड’ बन सकता है।

मंडी में उत्सव सा माहौल मंडी परिसर में सुबह से ही किसानों व व्यापारियों की भीड़ जुट जाती है। किसानों की ट्रॉलियों से निकलती फसल, तौल मशीनों की खटखट और व्यापारियों की बोली सब मिलकर उत्सव जैसा माहौल बना रहता है। मीठा बाजरा क्यों है खास मीठा बाजरा सामान्य बाजरे से ज्यादा मुलायम और स्वादिष्ट होता है। इसमें फाइबर, प्रोटीन और मिनरल्स अधिक होते हैं।

यही वजह है कि इसे स्वास्थ्यवर्धक आहार के रूप में गुजरात, महाराष्ट्र और राजस्थान के कई हिस्सों में खासा पसंद किया जा रहा है। प्रोसेसिंग यूनिट की मांग किसानों और व्यापारियों की राय है कि बस्सी में बाजरा प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित की जाए, ताकि स्थानीय स्तर पर सफाई, पैकिंग और विपणन की सुविधा मिल सके। इससे न केवल रोजगार बढ़ेगा, बल्कि बाजरे को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान भी मिलेगी। (कासं.) फैक्ट फाइल – मंडी में बाजरे की आवक : रोजाना 100 से 120 ट्रॉलियां – कीमत रेंज : 2,200 से 2,600 रुपए प्रति क्विंटल – पिछले वर्ष की तुलना : लगभग 25% अधिक आवक

इनका कहना है…- बस्सी में इन दिनों बाजरे की बम्पर आवक हो रही है। पिछले वर्ष के मुकाबले गुणवत्ता भी अच्छी है। यहां का बाजरा स्वादिष्ट है, इसकी डिमाण्ड गुजरात व मारवाड़ में अधिक है। भाव भी बढि़या है। – दामोडर डंगायच, अध्यक्ष, मण्डी व्यापार मण्डल अध्यक्ष।