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आज का पंचांग, शुक्रवार, 5 सितम्बर, 2025, तिथि, श्रेष्ठ चौघड़िए, Rajasthan Patrika

शुक्रवार, 5 सितम्बर, 2025, : आज के पंचांग में जानिए आज का श्रेष्ठ चौघड़िया, तिथि, दिशा शूल, राहु काल वेला, नक्षत्र, योग, करण, व्रत / दिवस विशेष, चन्द्रमा, ग्रह का राशि /नक्षत्र परिवर्तन। आइए, पंडित मुकेश भारद्वाज, ज्योतिर्विद व वास्तुविद् से जानते हैं आज का पंचांग।

भारत

Kamlesh Kholiya

Sep 05, 2025

(आज का पंचांग – शुक्रवार, 5 सितम्बर, 2025)

विक्रम संवत् – 2082
संवत्सर नाम – सिद्धार्थ
शक संवत् – 1947
हिजरी सन् – 1447
मु. मास – 12 रवि उल अव्वल
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – शरद् ऋतु
मास – भाद्रपद
पक्ष – शुक्ल

श्रेष्ठ चौघड़िये – आज चर, लाभ, अमृत के चौघड़िये क्रमशः सूर्योदय से 10:52 तक रहेंगे। शुभ का चौघड़िया 12:26 से 1:59 तक रहेगा। चर का चौघड़िया 5:06 से सूर्यास्त तक रहेगा। इन चौघड़ियों में शुभ कार्य प्रारम्भ किए जा सकते हैं।

तिथि – त्रयोदशी तिथि प्रातः 3:14 तक होगी तदुपरान्त चतुर्दशी तिथि होगी।

दिशा शूल – आज पश्चिम दिशा में दिशा शूल रहेगा। इसलिए आज पश्चिम दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए।

राहु काल वेला – (मध्यमान से) दिन 10:30 से 12:00 तक रहेगा।

नक्षत्र – श्रवण नक्षत्र रात्रि 11:38 तक रहेगा तदुपरान्त धनिष्ठा नक्षत्र होगा ।
योग – शोभन योग दिन 1:53 तक रहेगा तदुपरान्त अतिगंड योग रहेगा।
करण – कौलव करण दिन 3:41 तक तदुपरान्त तैतिल करण रहेगा।

व्रत / दिवस विशेष – प्रदोष व्रत, गोत्रिरात्रि व्रत प्रारंभ, डाँ राधाकृष्णन जयंती, शिक्षक दिवस, ईद-ए-मिलाद (बारावफात) मु., ओणम् (केरल), सर्वार्थसिद्धि योग सूर्योंदय से रात्रि 11:38 तक, रवियोग रात्रि 11:38 से प्रारम्भ

चन्द्रमा – आज सम्पूर्ण दिन रात्रि मकर राशि में होगा।

आज जन्म लेने वाले बच्चे – आज जन्म लेने वाले बच्चों की राशि मकर होगी। आज रात्रि 11:38 तक तक श्रवण नक्षत्र होगा तदुपरान्त धनिष्ठा नक्षत्र होगा। आज जन्मे बच्चों का ताम्र पाद होगा। आज जन्म लेने वाले बच्चों के प्रथम नामाक्षर खू, खे, खो, ग, गी पर रखे जा सकते हैं।

मकर राशि के स्वामी शनि देव हैं। ये राशि शांत स्वभाव की धैर्यवान व सहनशील होती हैं। परंतु ये लोभी भी होते हैं। इनका व्यवहार गहन विचार करने वाला व क्षमाशील होता हैं। ये लोग अच्छे व्यापारी होते हैं। ये चर राशि होने के कारण एक स्थान पर एक जगह टिक कर कार्य नहीं कर पाते। अधिकतर तोल-मोल कर बात करते हैं और एकांतप्रिय, तपस्या व तप पसंद करते हैं।

पंडित मुकेश भारद्वाज, ज्योतिर्विद व वास्तुविद्

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