🌟(आज का पंचांग – मंगलवार, 28 अक्टूबर, 2025)🌟
विक्रम संवत् – 2082
संवत्सर नाम – सिद्धार्थ
शक संवत् – 1947
हिजरी सन् – 1447
मु. मास – 5 जमादि उल अव्वल
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – हेमंत ऋतु
मास – कार्तिक
पक्ष – शुक्ल
श्रेष्ठ चौघड़िये – आज चर, लाभ, अमृत के चौघड़िये क्रमशः 9:24 से 1:34 तक रहेंगे। शुभ का चौघड़िया 2:57 से 4:20 तक रहेगा। इन चौघड़ियों में शुभ कार्य प्रारम्भ किए जा सकते हैं।
तिथि – षष्ठी तिथि दिन 8:00 तक तदुपरान्त सप्तमी तिथि होगी।
दिशा शूल – आज उत्तर दिशा में दिशा शूल रहेगा । इसलिए आज उत्तर दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए।
राहु काल वेला – (मध्यमान से) दिन 3:00 से 4:30 तक
नक्षत्र – पूर्वाषाढा़ नक्षत्र दिन 3:45 तक तदुपरान्त उत्तराषाढ़ा नक्षत्र रहेगा।
योग – सुकर्मा योग प्रातः 7:50 तक तदुपरान्त धृति योग रहेगा।
करण – तैतिल करण दिन 8:00 तक तदुपरान्त गर करण रहेगा।
विशिष्ट योग – रवियोग दिन 3:45 तक, राजयोग प्रातः 8:00 से दिन 3:45 तक, त्रिपुष्कर योग दिन 3:45 से सूर्योदय तक,
व्रत / दिवस विशेष – कल्पादि, सूर्य षष्ठी व्रत पूर्ण, डाला छठ् महापर्व पर अस्तगामी सूर्य को अर्घ्य (बिहारी समाज), मेला पुष्कर प्रारंभ अजमेर (राज.), षष्ठी तिथि वृद्धि,
चन्द्रमा – आज रात्रि 10:15 तक तदुपरान्त धनु राशि में होगा तदुपरान्त मकर राशि में प्रवेश होगा।
आज जन्म लेने वाले बच्चे – आज रात्रि 10:15 तक जन्म लेने वाले बच्चों की राशि धनु होगी तदुपरान्त मकर राशि होगी। आज जन्म लेने वाले बच्चों का दिन 3:45 तक पूर्वाषाढा़ नक्षत्र होगा तदुपरान्त उत्तराषाढ़ा नक्षत्र रहेगा। आज जन्मे बच्चों का ताम्र पाद होगा। आज जन्म लेने वाले बच्चों के प्रथम नामाक्षर फा, ढा, भे, भो, ज पर रखे जा सकते हैं।
धनु राशि के स्वामी बृहस्पति होने से व्यक्ति ज्ञानी व समझदार होता हैं परंतु गुस्सा जल्दी करते हैं। इनमें विवेक, शक्ति और पराक्रम होता हैं। सौम्य शांत, सरल स्वभाव, धार्मिक प्रकृति, उदार हृदय, परोपकारी, संवेदनशील, करुणा, दया आदि भावनाओं से युक्त होते हैं। इनमें दुसरो के मनोभावों को जान लेने की विशेष क्षमता होती हैं। ऐसे लोग अध्यापक, धर्म-प्रचारक, राजनीतिक, वैध-ड़ाक्टर, वकील और पुस्तक का व्यवसाय करने वाले होते हैं।
मकर राशि के स्वामी शनि देव हैं। ये राशि शांत स्वभाव की धैर्यवान व सहनशील होती हैं, परंतु ये लोभी भी होते हैं। इनका व्यवहार गहन विचार करने वाला व क्षमाशील होता हैं। ये लोग अच्छे व्यापारी होते हैं। ये चर राशि होने के कारण एक स्थान पर एक जगह टिक कर कार्य नहीं कर पाते। अधिकतर तोल-मोल कर बात करते हैं और एकांतप्रिय, तपस्या व तप पसंद करते हैं। ऐसे जातक गंभीर, भावुक, संवेदनशील, उच्चाभिलाषी, सेवाधर्मी, मननशील एवं धार्मिक प्रवृत्ति वाले होते हैं।
✍️ पंडित मुकेश भारद्वाज, ज्योतिर्विद व वास्तुविद्