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आज का पंचांग, बुधवार 15 अक्टूबर 2025, तिथि, श्रेष्ठ चौघड़िए, Rajasthan Patrika

बुधवार 15 अक्टूबर 2025 : आज के पंचांग में जानिए आज का श्रेष्ठ चौघड़िया, तिथि, दिशा शूल, राहु काल वेला, नक्षत्र, योग, करण, व्रत / दिवस विशेष, चन्द्रमा, ग्रह का राशि /नक्षत्र परिवर्तन। आइए, पंडित मुकेश भारद्वाज, ज्योतिर्विद व वास्तुविद् से जानते हैं आज का पंचांग।

भारत

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Kamlesh Kholiya

Oct 15, 2025

🌟(आज का पंचांग – बुधवार, 15 अक्टूबर, 2025)🌟

विक्रम संवत् – 2082
संवत्सर नाम – सिद्धार्थ
शक संवत् – 1947
हिजरी सन् – 1447
मु. मास – 22 रवि उलसानी
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – शरद् ऋतु
मास – कार्तिक
पक्ष – कृष्ण

श्रेष्ठ चौघड़िये – आज लाभ, अमृत के चौघड़िये क्रमशः सूर्योदय से 9:21 तक रहेंगे। शुभ का चौघड़िया 10:47 से 12:13 तक रहेगा। चर, लाभ के चौघड़िये क्रमशः 3:04 से सूर्यास्त तक रहेंगे। इन चौघड़ियों में शुभ कार्य प्रारम्भ किए जा सकते हैं।

तिथि – नवमी तिथि दिन 10:34 तक होगी तदुपरान्त दशमी तिथि होगी।

दिशा शूल – आज उत्तर दिशा में दिशा शूल रहेगा। इसलिए उत्तर दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए।

राहु काल वेला – (मध्यमान से) दिन 12:00 से 1:30 तक

नक्षत्र – पुष्य नक्षत्र दिन 12:00 तक होगा तदुपरान्त अश्लेषा नक्षत्र होगा।
योग – साध्य योग रहेगा रात्रि 2:57 तक रहेगा तदुपरान्त शुभ योग रहेगा।
करण – गर करण दिन 10:34 तक तदुपरान्त वणिज करण रहेगा।

विशिष्ट योग – ज्वालामुखी योग दिन 12:00 से प्रारम्भ,

व्रत / दिवस विशेष – भद्रा रात्रि 10:35 से प्रारम्भ, गुरु हरिराय पुण्य दिवस (प्राचीन मत से), गंडमूल प्रारम्भ दिन 12:00 से,

चन्द्रमा – आज सम्पूर्ण दिन रात्रि कर्क राशि में होगा।

आज जन्म लेने वाले बच्चे – आज जन्म लेने वाले बच्चों की राशि कर्क होगी। आज दिन 12:00 तक पुष्य नक्षत्र होगा तदुपरान्त अश्लेषा नक्षत्र होगा। आज जन्मे बच्चों का रजत पाद होगा। आज जन्म लेने वाले बच्चों के प्रथम नामाक्षर डा, डी, डू, डे पर रखे जा सकते हैं।

कर्क राशि के स्वामी चन्द्र हैं। यह जल प्रधान राशि है। ये बहुत भावुक होते हैं।0 भावनाओं के आवेग में बहने के करण चंचल प्रकृति के और बार बार निर्णय बदलने वाले हो सकते हैं। सुन्दर व आकर्षक होते है। व्यवहार मिलनसार होता है। कला, संगीत, साहित्य प्रेमी, कल्पनाशील, धार्मिक, दयालु, सहृदय, ईमानदार होते हैं। ऐसे बच्चे सभी के मनोभावों को आसानी से समझने वाले होते हैं। ये प्राकृतिक सौंदर्य, कला-संगीत व् साहित्य में विशेष रूचि रखते हैं तथा सौंदर्यानुभूति भी विशेष रूप से रखते हैं।

✍️ पंडित मुकेश भारद्वाज, ज्योतिर्विद व वास्तुविद्