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आज का पंचांग, मंगलवार 14 अक्टूबर 2025, तिथि, श्रेष्ठ चौघड़िए, Rajasthan Patrika

मंगलवार 14 अक्टूबर 2025 : आज के पंचांग में जानिए आज का श्रेष्ठ चौघड़िया, तिथि, दिशा शूल, राहु काल वेला, नक्षत्र, योग, करण, व्रत / दिवस विशेष, चन्द्रमा, ग्रह का राशि /नक्षत्र परिवर्तन। आइए, पंडित मुकेश भारद्वाज, ज्योतिर्विद व वास्तुविद् से जानते हैं आज का पंचांग।

भारत

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Kamlesh Kholiya

Oct 14, 2025

🌟(आज का पंचांग – मंगलवार, 14 अक्टूबर, 2025)🌟

विक्रम संवत् – 2082
संवत्सर नाम – सिद्धार्थ
शक संवत् – 1947
हिजरी सन् – 1447
मु. मास – 21 रवि उलसानी
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – शरद् ऋतु
मास – कार्तिक
पक्ष – कृष्ण

श्रेष्ठ चौघड़िये – आज चर, लाभ, अमृत के चौघड़िये क्रमशः 9:21 से 1:39 तक रहेंगे। शुभ का चौघड़िया 3:05 से 4:31 तक रहेगा। इन चौघड़ियों में शुभ कार्य प्रारम्भ किए जा सकते हैं।

तिथि – अष्ठमी तिथि दिन 11:10 तक होगी तदुपरान्त नवमी तिथि होगी।

दिशा शूल – आज उत्तर दिशा में दिशा शूल रहेगा। इसलिए आज उत्तर दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए।

राहु काल वेला – (मध्यमान से) दिन 3:00 से 4:30 तक

नक्षत्र – पुनर्वसु नक्षत्र दिन 11:54 तक होगा तदुपरान्त पुष्य नक्षत्र होगा।

योग – सिद्ध योग रहेगा अंतरात्रि 4:11 तक रहेगा तदुपरान्त साध्य योग रहेगा।

करण – कौलव करण दिन 11:10 तक तदुपरान्त तैतिल करण रहेगा।

चन्द्रमा – आज सम्पूर्ण दिन रात्रि कर्क राशि में होगा।

ग्रह का राशि /नक्षत्र परिवर्तन – हर्षल ग्रह वक्री कृत्तिका नक्षत्र चरण 3 में प्रवेश दिन 8:28 पर, प्लूटो ग्रह मार्गी दिन 8:20 पर,

आज जन्म लेने वाले बच्चे – आज जन्म लेने वाले बच्चों की राशि कर्क होगी। आज दिन 11:54 तक पुनर्वसु नक्षत्र होगा तदुपरान्त पुष्य नक्षत्र होगा। आज जन्मे बच्चों का रजत पाद होगा। आज जन्म लेने वाले बच्चों के प्रथम नामाक्षर ह, ही, हू, हे, हो, डा पर रखे जा सकते हैं।

कर्क राशि के स्वामी चन्द्र हैं। यह जल प्रधान राशि है। ये बहुत भावुक होते हैं। भावनाओं के आवेग में बहने के करण चंचल प्रकृति के और बार बार निर्णय बदलने वाले हो सकते हैं। सुन्दर व आकर्षक होते है। व्यवहार मिलनसार होता है। कला, संगीत, साहित्य प्रेमी, कल्पनाशील, धार्मिक, दयालु, सहृदय, ईमानदार होते हैं। ऐसे बच्चे सभी के मनोभावों को आसानी से समझने वाले होते हैं। ये प्राकृतिक सौंदर्य, कला-संगीत व् साहित्य में विशेष रूचि रखते हैं।

✍️ पंडित मुकेश भारद्वाज, ज्योतिर्विद व वास्तुविद्