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आज का पंचांग, रविवार 12 अक्टूबर 2025, तिथि, श्रेष्ठ चौघड़िए, Rajasthan Patrika

रविवार 12 अक्टूबर 2025 : आज के पंचांग में जानिए आज का श्रेष्ठ चौघड़िया, तिथि, दिशा शूल, राहु काल वेला, नक्षत्र, योग, करण, व्रत / दिवस विशेष, चन्द्रमा, ग्रह का राशि /नक्षत्र परिवर्तन। आइए, पंडित मुकेश भारद्वाज, ज्योतिर्विद व वास्तुविद् से जानते हैं आज का पंचांग।

भारत

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Kamlesh Kholiya

Oct 12, 2025

🌟(आज का पंचांग – रविवार, 12 अक्टूबर, 2025)🌟

विक्रम संवत् – 2082
संवत्सर नाम – सिद्धार्थ
शक संवत् – 1947
हिजरी सन् – 1447
मु. मास – 19 रवि उलसानी
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – शरद् ऋतु
मास – कार्तिक
पक्ष – कृष्ण

श्रेष्ठ चौघड़िये – आज दिन में चर, लाभ, अमृत के चौघड़िये क्रमशः 7:55 से 12:12 तक रहेंगे। शुभ का चौघड़िया 1:40 से 3:06 तक रहेगा। इन चौघड़ियों में शुभ कार्य प्रारम्भ किए जा सकते हैं।

तिथि – षष्ठी तिथि दिन 2:17 तक होगी तदुपरान्त सप्तमी तिथि होगी।

दिशा शूल – आज पश्चिम दिशा में दिशा शूल रहेगा। इसलिए आज पश्चिम दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए।

राहु काल वेला – (मध्यमान से) दिन 4:30 से 6:00 तक

नक्षत्र – मृगशिरा नक्षत्र दिन 1:37 तक होगा तदुपरान्त आर्द्रा नक्षत्र होगा।

योग – वरियान योग दिन 10:55 तक रहेगा तदुपरान्त परिघ योग रहेगा।

करण – वणिज करण दिन 2:17 तक तदुपरान्त विष्टि करण रहेगा।

विशिष्ट योग – रवियोग दिन 1:37 से प्रारम्भ

व्रत / दिवस विशेष – भद्रा दिन 2:17 से प्रारम्भ होकर रात्रि 1:21 तक

चन्द्रमा – आज सम्पूर्ण दिन रात्रि मिथुन राशि में होगा।

आज जन्म लेने वाले बच्चे – आज जन्म लेने वाले बच्चों की राशि मिथुन होगी। आज दिन 1:37 तक मृगशिरा नक्षत्र होगा तदुपरान्त आर्द्रा नक्षत्र होगा। आज दिन 1:37 तक जन्मे बच्चों का स्वर्ण पाद होगा तदुपरान्त रजत पाद होगा। आज जन्म लेने वाले बच्चों के प्रथम नामाक्षर क, की, कु, घ, ङ पर रखे जा सकते हैं।

मिथुन राशि के स्वामी बुध हैं। मिथुन राशि में जन्मे बच्चे बुद्धिमान, कुशल व्यापारी, गणितज्ञ, चतुर, निडर, अच्छे वक्ता, त्वरित बुद्धि वाले, कलाकार, बहुभाषी, आत्म केन्द्रित होते हैं। ये पढ़ाई में अच्छे होते हैं, और लेखक, कविताकार और बौद्धिक कार्य करने वाले होते हैं। इनका नरम स्वभाव होने के कारण कमजोर भी समझा जाता हैं, परन्तु तीक्ष्ण बुद्धि तथा तर्क-वितर्क करने में कुशल होते हैं।

✍️ पंडित मुकेश भारद्वाज, ज्योतिर्विद व वास्तुविद्