Kashi Vishwanath Temple Sparsh Darshan: प्रयागराज में लगने वाले महाकुंभ मेला को देखते हुए काशी विश्वनाथ मंदिर में स्पर्श दर्शन पर 26 फरवरी तक रोक लगा दी गई है। यह निर्णय महाकुंभ से आने वाले श्रद्धालुओं की संभावित भीड़ को देखकर लिया गया है, क्योंकि महाकुंभ से दस करोड़ श्रद्धालुओं के काशी आने का अनुमान है। अब महाकुंभ के दौरान बाबा विश्वनाथ के झांकी दर्शन ही मिल सकेंगे। मंदिर में महाशिवरात्रि और सावन का प्रोटोकॉल लागू रहेगा।
काशी विश्वनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए दिसंबर के अंतिम सप्ताह से ही स्पर्श दर्शन पर रोक लगाई गई थी, जिसे अब आगे बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। मंदिर प्रशासन के अनुसार, यह निर्णय श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए लिया गया। मंदिर प्रशासन ने इस दौरान आरती का समय भी जारी किया है। साथ ही, सोमवार और पूर्णिमा को होने वाली आरती के समय में बदलाव रहेगा।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सिर्फ एक से चार जनवरी के बीच 18 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए हैं। 2024 में रोजाना श्रद्धालुओं की औसत संख्या 1.70 लाख रहती थी, जो जनवरी 2025 में बढ़कर दो लाख औसत से ज्यादा हो चुकी है।
महाशिवरात्रि पर बाबा विश्वनाथ के दर्शन रात भर होंगे। 26 फरवरी की सुबह 2.15 बजे मंगला आरती शुरू होगी, जिसे बाद दर्शन के लिए कपाट खोल दिए जाएंगे। इसके बाद दोपहर में मध्याह्न भोग आरती 11.35 बजे होगी, जिसके बाद करीब 20-25 मिनट के लिए कपाट बंद रहेंगे। इसके बाद शाम को होने वाली सप्तऋषि आरती और रात में होने वाली श्रृंगार भोग आरती नहीं होगी। रात में शयन आरती भी नहीं होगी।
बाबा विश्वनाथ की शयन आरती महाशिवरात्रि के अगले दिन यानी 27 फरवरी को रात 10.30 बजे होगी। इसके बाद बाबा विश्वनाथ आराम करेंगे। इस दौरान कुल 43 घंटे 30 मिनट तक कपाट खुले रहेंगे।
Updated on:
06 Jan 2025 09:15 am
Published on:
06 Jan 2025 08:56 am