Vastu Tips For Shankh Puja: भारतीय संस्कृति में शंख का विशेष महत्व है। यह न केवल पूजा में उपयोग होता है, बल्कि इसे वास्तुशास्त्र के अनुसार घर में सुख, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक भी माना गया है। तो आइए जानते है वास्तु से जुड़े इन 6 नियमों के बारे में..
शंख की उत्पत्ति समुद्र से हुई है। हिन्दू पौराणिक कहानियों में जब देवताओं और दानवों के बीच समुद्र मंथन हुआ था, तो 14 रत्नों में से शंख भी समुद्र से निकला था। समुद्र से ही देवी लक्ष्मी भी प्रकट हुई थी, इसलिए माना जाता है कि शंख पर देवी लक्ष्मी की विशेष कृपा होती है। घर में शंख रखने से आप पर माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। घर में शंख रखने से कुछ नियम जुड़े हुए हैं, जिनका आपको पालन जरूर करना चाहिए। आइए, जानते हैं शंख से जुड़े नियम।
वास्तु के अनुसार शंख को हमेंशा पूजा घर में ही रखना चाहिए। क्योंकि यह स्थान पवित्र माना जाता है। इसके अलावा शंख को हमेशा पूजा घर में भगवान के पास ही रखना चाहिए। शंख को किसी लाल या पीले कपड़े के ऊपर रखें। इसके साथ इसे ढककर रखें। इसके अलावा शंख को आप जहां पूजा सामग्री रखते हैं, वहां भी रख सकते हैं।
वास्तु के अनुसार भगवान कुबेर की दिशा उत्तर होती है। कहा जाता है कि उत्तर दिशा में शंख रखने से धन की कमी नहीं रहती है। इसके अलावा शंख को उत्तर पूर्व यानी ईशान दिशा में भी रख सकते हैं। इस दिशा में शंख को रखने से माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और घर में शांति बनी रहती है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार शंख को कभी भी जमीन पर नहीं रखना चाहिए। ऐसा करने पर अपमान माना जाता है। शंख को हमेशा एक कपड़े के ऊपर रखें। इसके अलावा आपको पानी से साफ करना है, तो भी आप शंख को पानी से निकालकर कपड़े में लपेटकर साफ करें। इसे कभी भी जमीन पर नहीं रखना चाहिए। साथ ही साफ करने के बाद शंख को कपड़े से सही से सुखाने के बाद ही रखें। इस पर पानी की बूंदे नहीं होनी चाहिए।
शंख की सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने के लिए शंख को सही तरह से रखना बहुत ही जरूरी है। शंख में कभी भी जल भरकर न रखें। शंख का मुख ऊपर की तरफ इसलिए रखना चाहिए इससे मां लक्ष्मी की कृपा आपके ऊपर बनी रहें। ऐसा कहा जाता है कि शंख को हमेशा भगवान विष्णु, लक्ष्मी और भगवान कृष्ण के पास ही रखें। इससे शुभ का प्रभाव और भी बढ़ जाता है।
कई लोग शंख बजाने का अभ्यास करते हैं लेकिन ऐसा करना अच्छा नहीं माना जाता है। बिना किसी कारण के शंख को नहीं बजाना चाहिए। आप पूजा से पहले और पूजा के बाद ही शंख बजाने का अभ्यास कर सकते हैं लेकिन बिना कारण के शंख को न बजाएं। इससे घर में नकारात्मकता फैलती है। शंख बजाने से वातावरण शुद्ध होता है। शंख की ध्वनि से वातावरण में मौजूद छोटे बैक्टीरिया मर जाते हैं, जिससे आप बीमारियों से भी बचे रहते हैं।
ऐसा कहा जाता है कि शंख की ध्वनि शुभ होती है, जिस घर में शंख होता है भूत-प्रेत उससे दूर रहते हैं। प्रतिदिन शंख बजाने से दरिद्रता दूर होती है।
डिस्क्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारियां पूर्णतया सत्य हैं या सटीक हैं, इसका www.patrika.com दावा नहीं करता है। इन्हें अपनाने या इसको लेकर किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले इस क्षेत्र के किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।
Published on:
26 Nov 2024 01:01 pm