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बलिया की धरती पर अभाविप का महा समागम, गोरक्ष प्रांत का 65 वां प्रांत अधिवेशन होगा आयोजित

अधिवेशन व्यवस्था प्रमुख डॉ. ज्ञानेंद्र सिंह ने कहा कि बलिया की धरती अभाविप के 65वें प्रांत अधिवेशन के लिए पूर्णतः तैयार है। प्रांत के विभिन्न जिलों से आने वाली युवा तरुणाई का स्वागत करने के लिए पूरा बलिया उत्साह और ऊर्जा से सराबोर है।

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बलिया

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anoop shukla

Nov 05, 2025

Up news, Ballia, sbvp

फोटो सोर्स: पत्रिका, ABVP की प्रेस कांफ्रेंस

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, गोरक्ष प्रांत के आगामी 65 वें प्रांत अधिवेशन के निमित्त बलिया विभाग कार्यालय पर एक प्रेस वार्ता का आयोजन अभाविप बलिया कार्यालय पर किया गया, जिसमें अभाविप गोरक्ष प्रांत मंत्री श्री मयंक राय, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य श्री ऋषभ सिंह, प्रांत मीडिया संयोजक शी शिवम पांडेय, प्रांत अधिवेश व्यवस्था प्रमुख डॉ. ज्ञानेंद्र नाथ सिंह व सुश्री साक्षी सिंह उपस्थित रहे।

13 से 16 नवंबर को आयोजित होगा

अधिवेशन की योजनाओं की जानकारी देते हुए प्रांत मंत्री श्री मयंक राय ने बताया कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, गोरक्ष प्रांत का 65 वां प्रांत अधिवेशन बलिया के सतीश चंद्र कॉलेज में 13, 14, 15 और 16 नवंबर को आयोजित होगा। जिसमें युवा शक्ति के द्वारा राष्ट्र के निर्माण और भविष्य की दिशा निर्धारण की एक अलग झलक देखने को मिलेगी। अधिवेशन में गोरक्ष प्रांत के समस्त संगठनात्मक 17 जिलों से लगभग 1500 कार्यकर्ता उपस्थित रहेंगे, जिसमें प्रांत के समस्त शैक्षिक व सामाजिक समस्याओं के समाधान पर विस्तृत चर्चा होगी।

"विकसित भारत के लक्ष्य एवं युवा नेतृत्व" है थीम

अधिवेशन का थीम "विकसित भारत के लक्ष्य एवं युवा नेतृत्व" है जिस पर व्यापक विचार-विमर्श होगा। साथ ही अधिवेशन के मुख्य सभागार का नाम जय प्रकाश नारायण सभागार रखा गया है, जो स्वतंत्रता संग्राम के अग्रदूत और सम्पूर्ण क्रांति के प्रणेता लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी के आदर्शों और राष्ट्रहित के प्रति उनके समर्पण को नमन करता है। अधिवेशन का प्रवेश द्वार स्वतंत्रता संग्राम के प्रथम क्रांतिकारी शहीद मंगल पांडेय के नाम पर रखा गया है, जो देशभक्ति, साहस और त्याग की भावना का प्रतीक बनेगा।

विभिन्न स्थलों को महान विभूतियों के नाम से जाना जाएगा

इसी क्रम में अधिवेशन परिसर के विभिन्न स्थलों को भारतीय इतिहास, संस्कृति और राष्ट्रनिर्माण में योगदान देने वाले महान व्यक्तित्वों के नाम से अलंकृत किया गया है। भोजनालय को अन्नपूर्णा रसोई, छात्र निवास को वीर कुंवर सिंह छात्रावास, छात्रा निवास को रानी अब्बक्का निवास तथा शिक्षक निवास को हजारी प्रसाद द्विवेदी आवास के नाम से जाना जाएगा। यह नामकरण उन महान विभूतियों के प्रति सम्मान का प्रतीक होगा, जिन्होंने अपने जीवन से देश, समाज और संस्कृति के प्रति समर्पण की अमिट छाप छोड़ी है।

भव्य प्रदर्शनी का निर्माण किया जाएगा

अधिवेशन स्थल पर परिषद के कार्यकर्ताओं द्वारा एक भव्य प्रदर्शनी का निर्माण किया जाएगा, जिसमें राष्ट्रीयता, शिक्षा, समाज एवं बलिया की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर की विस्तृत झलक प्रस्तुत की जाएगी। प्रदर्शनी में बलिया की गौरवशाली स्वतंत्रता आंदोलन की विरासत, वीर क्रांतिकारियों के योगदान और भारतीय संस्कृति की विविधता को विशेष रूप से दर्शाया जाएगा। यह प्रदर्शनी युवाओं में बलिया की क्रांतिकारी धरा के गौरव, त्याग, बलिदान और राष्ट्रप्रेम की भावना को जागृत कर उन्हें समाज और राष्ट्र निर्माण के प्रति प्रेरित करेगी।

महत्वपूर्ण मुद्दों पर होगा प्रस्ताव पारित

इसी के साथ चार दिवसीय अधिवेशन में पूर्वांचल के शैक्षिक संस्थानों द्वारा मनमानी शुल्क वृद्धि और परीक्षा परिणामों में हो रही त्रुटियों पर तत्काल अंकुश लगाए जाने, स्वास्थ्य व रोजगार सहित अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रस्ताव भी पारित किए जाएंगे। इन प्रस्तावों के माध्यम से पूर्वांचल की शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता, गुणवत्ता और जवाबदेही सुनिश्चित करने का संकल्प लिया जाएगा।

“पंच परिवर्तन” के आह्वान पर चर्चा

अधिवेशन में यह भी विचार किया जाएगा कि विद्यार्थियों के हितों की रक्षा हेतु परिषद किस प्रकार नीतिगत हस्तक्षेप और संघर्षात्मक अभियानों के माध्यम से एक सशक्त शैक्षिक वातावरण का निर्माण करे। चार दिवसीय प्रांत अधिवेशन में दो प्रमुख विचार-सत्रों का आयोजन किया जाएगा, जिनमें प्रेरणादायक वक्तव्य और मार्गदर्शन प्रदान किए जाएंगे, जिसमें "संघ शताब्दी वर्ष" के संदर्भ में प्रथम भाषण होगा, जिसमें समाज परिवर्तन हेतु संघ द्वारा किए गए “पंच परिवर्तन” के आह्वान पर चर्चा की जाएगी।

"प्रो. यशवंत राव केलकर" के विचारों पर भी चर्चा

इस सत्र में यह बताया जाएगा कि संगठनात्मक कार्यों के माध्यम से किस प्रकार समाज में सकारात्मक और स्थायी परिवर्तन लाया जा सकता है व युवाओं को राष्ट्रहित में समर्पित जीवन जीने की प्रेरणा देने वाले "प्रा. यशवंत राव केलकर" के विचारों पर भी चर्चा होगी, उनके जीवन दर्शन और कार्यशैली के माध्यम से युवा पीढ़ी को राष्ट्रनिर्माण की दिशा में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया जाएगा।

अधिवेशन की रूपरेखा

अधिवेशन की योजनाओं के संबंध में प्रांत मंत्री श्री राय ने बताया कि 13 नवंबर को प्रदर्शनी के उद्घाटन से अधिवेशन प्रारंभ होगा, अगले दिन 14 नवंबर को अधिवेशन का विधिवत उद्घाटन किया जाएगा, 15 नवंबर को अधिवेशन के तीसरे दिन भव्य शोभा यात्रा का आयोजन किया जाएगा, जो अधिवेशन स्थल सतीश चंद्र कॉलेज से टी. डी. कॉलेज चौराहे तक निकलेगी।

शोभायात्रा में 15 सौ कार्यकर्ता सहभागी होंगे

इस शोभा यात्रा में लगभग 1500 अभाविप कार्यकर्ता एवं विद्यार्थी पारंपरिक परिधानों और परिषद के ध्वज के साथ सहभागी होंगे। यात्रा में देशभक्ति गीतों, नारों और झांकियों के माध्यम से संगठन की गौरवशाली परंपरा, सांस्कृतिक वैभव और राष्ट्र निर्माण के संकल्प को प्रदर्शित किया जाएगा। यात्रा के समापन के पश्चात टी. डी. कॉलेज चौराहे पर एक विशाल खुले अधिवेशन का आयोजन होगा, जिसमें परिषद के प्रमुख पदाधिकारी उपस्थित रहकर युवाओं को संबोधित करेंगे।

गोरक्ष प्रांत की नई प्रांत इकाई की होगी घोषणा

इस अवसर पर संगठन के राष्ट्रवादी विचार, विद्यार्थी हितों से जुड़ी नीतियाँ तथा समाज परिवर्तन के संकल्पों पर सारगर्भित उद्बोधन दिए जाएंगे।
अंतिम सत्र में अभाविप गोरक्ष प्रांत की सत्र 2025–2026 की नई प्रांत इकाई की घोषणा भी की जाएगी। इस अवसर पर आगामी वर्ष के लिए संगठनात्मक दिशा, कार्ययोजना और प्राथमिकताओं को निर्धारित किया जाएगा।

बलिया की धरती अधिवेशन के लिए तैयार

अधिवेशन व्यवस्था प्रमुख डॉ. ज्ञानेंद्र सिंह ने कहा कि बलिया की धरती अभाविप के 65वें प्रांत अधिवेशन के लिए पूर्णतः तैयार है। प्रांत के विभिन्न जिलों से आने वाली युवा तरुणाई का स्वागत करने के लिए पूरा बलिया उत्साह और ऊर्जा से सराबोर है। उन्होंने बताया कि अधिवेशन स्थल से लेकर आवास, भोजन, परिवहन और अन्य सभी व्यवस्थाओं को सर्वोत्तम रूप में सुनिश्चित किया गया है ताकि कार्यकर्ताओं को संगठनात्मक वातावरण का पूर्ण अनुभव प्राप्त हो सके।