जिला जेल में नशा मुक्ति अभियान का आयोजन, नशा से मुक्ति के लिए योग को बताया कारगर उपाय
जिला जेल में नशा मुक्ति अभियान के तहत कैदियों ने शपथ ली कि वे नशे से दूर रहकर एक नई और स्वस्थ जिंदगी की शुरुआत करेंगे। इस दौरान एसडीएम हरप्रीत कलसी ने कहा कि नशा छोडऩा ही परिवार और समाज के लिए सही रास्ता है। नशे की आदत व्यक्ति को धीरे-धीरे कमजोर बना देती है। उन्होंने योग को नशा मुक्ति का एक कारगर उपाय बताते हुए कहा कि अगर कैदी नियमित योग अपनाएंगे तो लत से छुटकारा मिल सकता है।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव मोहन डावर ने कहा कि आज नशा एक गंभीर सामाजिक समस्या बन चुका है। नशा करने वाला व्यक्ति यह नहीं समझ पाता कि इसके दुष्परिणाम क्या होंगे। सरकार लगातार इस दिशा में प्रयासरत है और 2020 से देशभर में जेल, स्कूल, पंचायत और सार्वजनिक जगहों पर नशा मुक्ति अभियान चलाए जा रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि तंबाकू, शराब या किसी भी प्रकार का नशा व्यक्ति के शरीर और मानसिक स्वास्थ्य दोनों के लिए नुकसानदायक है। नशे के खिलाफ कड़े कानून तो हैं लेकिन असली बदलाव तब आएगा जब समाज खुद आगे बढकऱ इस आदत से दूर रहेगा। डॉ. मुकुल तिवारी ने नशे के मेडिकल दुष्प्रभाव समझाते हुए कहा कि शराब पीने से डिप्रेशन, नर्वसनेस, हार्ट अटैक और लीवर की गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि शराब और तंबाकू जैसी चीजें शरीर को अंदर से खोखला कर देती हैं। सिगरेट और गुटखा माउथ कैंसर जैसी बीमारियों के बड़े कारण हैं।
हर्टफुलनेस संस्था की अध्यक्ष ने कैदियों को प्रेरित किया कि जब भी नशा करने का मन हो तो ईश्वर को याद करें और सोचें कि इसका परिणाम परिवार और समाज दोनों पर बुरा पड़ेगा। उन्होंने जेल में लगाए गए प्रार्थना पोस्टरों की ओर इशारा करते हुए कहा कि कैदी उन्हें पढकऱ आत्मबल बढ़ा सकते हैं और नशे से मुक्त जीवन की ओर बढ़ सकते हैं। लीड बैंक प्रबंधक ने बताया कि 2 अक्टूबर से 8 अक्टूबर तक नशा मुक्ति अभियान देशभर में चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सादा जीवन और उच्च विचार का संकल्प लेकर ही हम नशे से दूर रह सकते हैं।
Published on:
09 Oct 2025 03:23 pm
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