Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

महाकालेश्वर देश का पहला मंदिर जहां ‘श्रीअन्न’ प्रसाद की नई व्यवस्था, बनी रहेगी भक्तों की सेहत

Mahakaleshwar Mandir Ujjain: महाकालेश्वर मंदिर में खास रही दिवाली 2025, शुरू हुई रागी के लड्डू के प्रसाद की नई व्यवस्था..

2 min read
Mahakaleshwar Temple Ujjain

Mahakaleshwar Temple Ujjain: दीपावली पर बाबा महाकाल को लगा 'श्रीअन्न' रागी के लड्डुओं का भोग।

Mahakaleshwar Mandir Ujjain: उज्जैन के विश्वप्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में दीपवली कुछ खास रही। इस दिन यहां महाकाल को बेसन के लड्डुओं के साथ ही पोषण से भरपूर रागी के लड्डू का भोग भी लगाया गया। भक्तों की सेहत का ख्याल रखते हुए महाकाल मंदिर समिति ने महाप्रसाद की ये नई व्यवस्था शुरू की है। इन लड्डुओं की खासियत ये भी रहेगी कि स्वास्थ्यवर्धक ये प्रसाद मंदिर (Mahakaleshwar Mandir Ujjain) परिसर में ही मिलना शुरू हो गया है। वहीं समिती की ओर से ये लड्डू नो प्रोफिट नो लॉस पर बेचे जाएंगे। इसके साथ ही महाकालेश्वर मंदिर देश का पहला ऐसा मंदिर बन गया है, जहां श्रीअन्न रागी का प्रसाद भक्तों को मिल सकेगा।

जानें क्या है रागी और समिति ने क्यों चुना यह अनाज

रागी को मध्य भारत में मंडुआ कहा जाता है। भारतीय पारंपरिक अनाजों में सबसे पौष्टिक माने जाने वाले इस अनाज में कैल्शियम, फाइबर आयरन की मात्रा गेहूं से कहीं ज्यादा होती है। रागी से बने लड्डू को आयुर्वेद में शक्ति और शुद्धता का प्रतीक कहा गया है।

यही कारण है कि अब एमपी की महाकाल नगरी उज्जैन स्थित महाकाल में रागी के लड्डू को भोग लगाने और प्रसाद के रूप में बिक्री करने रखा गया है। मंदिर समिति के मुताबिक महाकाल का प्रसाद केवल आस्था नहीं बल्कि, जीवनशक्ति देने वाला भी होना चाहिए। रागी लड्डू इसी से प्रेरित है। आने वाले समय में ऐसे ही पारंपरिक प्रसाद भी महाकाल के भोग में शामिल हो सकते हैं।

महाकाल को लगा पहला भोग

दीवाली (Diwali 2025) से एक दिन पहले यानी अमावस्या की पूर्व संध्या पर विशेष पूजन के दौरान महाकाल को रागी के लड्डुओं का पहला भोग लगाया गया। यह भोग परंपरागत पंचामृत के साथ महाकाल को अर्पित किया गया। इसके बाद इसे महाप्रसाद के रूप में भक्तों को वितरित किया गया। सीएम मोहन यादव ने इस नई व्यवस्था की शुरुआत की है।

भक्तों के लिए बिक्री की नई व्यवस्था

महाकाल को भोग लगाने के बाद मंदिर (Mahakaleshwar Mandir Ujjain) में आने वाले लाखों लोगों के लिए दीवाली से महाप्रसादी की नई व्यवस्था शुरू हो गई है। मंदिर परिसर में ही महाप्रसाद काउंटर शुरू किया गया है। जहां पूरी तरह से देसी तरीके से तैयार किए गए रागी के लड्डू का प्रसाद उपलब्ध हो रहा है। मंदिर प्रशासन के मुताबिक इस लड्डू में गुड़, देसी घी और रागी का आटा प्रमुख रहेगा। कोई भी कृत्रिम रंग या एसेंस का प्रयोग इसमें नहीं किया गया है। पैकिंग पर महाकाल प्रसाद-रागी लड्डू की मुहर लगाई गई है।

आसपास के गांवों से आएगी रागी

मंदिर (Mahakaleshwar Mandir Ujjain) समिति का उद्देश्य न केवल भक्तों को सात्विक प्रसाद देना है, बल्कि स्थानीय किसानों को बढ़ावा देना भी है, ये आसपास के गांवों में रागी की खेती करते हैं। इन्हीं से रागी खरीदी जाएगी। बता दें कि रागी को बेहद पौष्टिक अनाज में शामिल किया जाता है। स्वास्थ्यवर्धक रागी बीपी, ब्लड शुगर लेवल, वजन को कंट्रोल रखने में मदग करती है। वहीं ये श्रीअन्न कैल्शियम रिच फूड में गिना जाता है।