Ragi Laddu Mahaprasad mahakaleshwar temple from diwali know the price
Mahakal Mandir Mahaprasad Ragi Laddu on Diwali 2025: मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन के महाकाल मंदिर में इस बार दीवाली कुछ खास रहेगी। दरअसल इस बार महाकाल को रोजाना लगने वाले लड्डुओं से इतर रागी के लड्डुओं का भी महाभोग लगाया जाएगा, स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक श्रीअन्नम कही जाने वाली रागी की ये महाप्रसादी, मंदिर में आने वाले श्रद्धालु खरीद भी सकेंगे।
देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में शामिल श्री महाकालेश्वर मंदिर में इस बार दीवाली खास बनने जा रही है। क्योंकि इस बार दीवाली पर यहां लगेगा रागी और मेवे से बने सेहत से भरपूर लड्डुओं का भोग। महाकाल को भोग लगने के बाद मंदिर परिसर में रागी के लड्डुओं का ये प्रसाद भी मिलेगा। इसके बाद मध्य प्रदेश का महाकाल मंदिर देशभर में अकेला ऐसा मंदिर होगा जहां अन्नश्री रागी का प्रसाद मिलेगा। महाकाल मंदिर समिति की ये पहल न केवल धार्मिक बल्कि सेहत की दृष्टि से भी अनोखी है। समिति इसे सात्विक और सेहतमंद प्रसाद परंपरा की नई शुरुआत मान रही है।
रागी को मध्य भारत में मंडुआ कहा जाता है। भारतीय पारंपरिक अनाजों में सबसे पौष्टिक माने जाने वाले इस अनाज में कैल्शियम, फाइबर आयरन की मात्रा गेहूं से कहीं ज्यादा होती है। रागी से बने लड्डू को आयुर्वेद में शक्ति और शुद्धता का प्रतीक कहा गया है।
यही कारण है कि अब एमपी की महाकाल नगरी उज्जैन स्थित महाकाल में रागी के लड्डू को भोग लगाने और प्रसाद के रूप में बिक्री करने रखा गया है। मंदिर समिति के मुताबिक महाकाल का प्रसाद केवल आस्था नहीं बल्कि, जीवनशक्ति देने वाला भी होना चाहिए। रागी लड्डू इसी से प्रेरित है। आने वाले समय में ऐसे ही पारंपरिक प्रसाद भी महाकाल के भोग में शामिल हो सकते हैं।
दीवाली (Diwali 2025) से एक दिन पहले यानी अमावस्या की पूर्व संध्या पर विशेष पूजन के दौरान महाकाल को रागी के लड्डुओं का पहला भोग लगाया जाएगा। यह भोग परंपरागत पंचामृत के साथ महाकाल को अर्पित किया जाएगा। इसके बाद इसे महाप्रसाद के रूप में भक्तों को वितरित किया जाएगा।
महाकाल को भोग लगाने के बाद मंदिर में आने वाले लाखों लोगों के लिए दीवाली से महाप्रसादी की नई व्यवस्था शुरू हो जाएगी। मंदिर परिसर में ही महाप्रसाद काउंटर शुरू हो जाएगा। जहां पूरी तरह से देसी तरीके से तैयार किए गए रागी के लड्डू का प्रसाद उपलब्ध होगा। मंदिर प्रशासन के मुताबिक इस लड्डू में गुड़, देसी घी और रागी का आटा प्रमुख रहेगा। कोई भी कृत्रिम रंग या एसेंस का प्रयोग इसमें नहीं किया जाएगा। पैकिंग पर महाकाल प्रसाद-रागी लड्डू की मुहर भी होगी।
मंदिर समिति का उद्देश्य न केवल भक्तों को सात्विक प्रसाद देना है, बल्कि स्थानीय किसानों को बढ़ावा देना भी है, ये आसपास के गांवों में रागी की खेती करते हैं। इन्हीं से रागी खरीदी जाएगी।
महाकाल मंदिर समिति का कहना है कि महाकाल का प्रसाद भक्तों के लिए आस्था के साथ ही स्वास्थ्य का संदेश भी दे। रागी के लड्डू के बाद गेहूं, जौ, मक्का और बाजरा से बने प्रसाद भी तैयार किया जाएगा।
इस दीवाली महाकाल (Mahakal Mandir) के भक्तों के लिए विशेष महाप्रसाद थाली भी तैयार की जा रही है। इसमें रागी के लड्डू के साथ पंचमेवा, तुलसी दल और तिलक चूर्ण शामिल होगा। इस विशेष महाप्रसाद थाली की कीमत 51 रुपए रखी गई है। ताकि इसे भक्त आसानी से खरीद सकें।
श्री महाकालेश्वर मंदिर में बनने वाला लड्डू 400 रुपए किलो में श्रद्धालुओं को मिलेगा। रागी के ये लड्डू मंदिर से 50 रुपए , 100 रुपए, 200 रुपए और 400 रुपए के पैकेट में भी उपलब्ध रहेंगे।
मंदिर समिति ने ये संकेत भी दिए हैं कि आने वाले समय में महाकाल प्रसाद (Mahakal Prasad) को ऑनलाइन बुकिंग से भी जोड़ा जा सकता है। ताकि देशभर में महाकाल के भक्तों को रागी लड्डू का महाप्रसाद डाक के माध्यम से भेजा जा सके।
Updated on:
17 Oct 2025 03:46 pm
Published on:
17 Oct 2025 03:42 pm
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