Indian Railway (फोटो सोर्स : पत्रिका)
Indian Railway: भारतीय रेल ने उज्जैन जंक्शन रेलवे स्टेशन को नए रूप में सजाने और हाई-टेक सुविधाओं से लैस करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया है। सिंहस्थ 2028 से पहले स्टेशन पर 15 अक्टूबर से रेलवे का नया युग शुरू होगा। पश्चिम रेलवे का अब तक का सबसे बड़ा और अत्याधुनिक डिस्ट्रिब्यूटेड इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम बनकर तैयार हो गया है। 537 रूटों के इस विशाल नेटवर्क से ट्रेनों की सुरक्षा, रफ्तार और समयबद्धता में जबरदस्त बढ़ोतरी होगी। यार्ड रीमॉडलिंग के बाद स्टेशन की परिचालन क्षमता में ऐतिहासिक इजाफा हुआ है, जिससे बढ़ते रेल यातायात को आसानी से संभाला जा सकेगा।
रतलाम मंडल के जनसंपर्क अधिकारी खेमराज मीना ने बताया कि परियोजना के तहत कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं—
उज्जैन से विक्रमनगर के बीच शेष भाग का दोहरीकरण पूर्ण हो गया है। ट्रेनों के संचालन से पूर्व इस नई लाइन का निरीक्षण एवं गति परीक्षण रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) पश्चिम परिमंडल ने मंगलवार को किया। यह निरीक्षण एवं गति परीक्षण सुबह 9 से रात 8 बजे तक उज्जैन से विक्रमनगर के मध्य किया गया। इस दौरान 130 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक की गति से परीक्षण किया गया। साथ ही कई स्थानों पर रुककर पटरियों की गुणवत्ता को भी चेक किया और जरूरी दिशा-निर्देश दिए।
उज्जैन और उज्जैन-सी यार्ड का संचालन अब एक ही आरआरआई कक्ष से होगा, जिससे दक्षता बढ़ेगी। तकनीक और सुरक्षा में नई छलांगइस परियोजना में पुराने सिग्नलिंग सिस्टम को पूरी तरह हटाकर नया हाई-टेक नेटवर्क लगाया गया है। इसमें 124 नए सिग्नल, 84 प्वाइंट मशीनें, 124 डीसी ट्रैक सर्किट, आधुनिक फायर अलार्म सिस्टम, फॉल्स एक्सल काउंटिंग सिस्टम और अग्निशमन यंत्र शामिल हैं। नया डाटा लॉगर ट्रेन संचालन की हर गतिविधि पर नज़र रखेगा।
रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, यह प्रोजेक्ट उज्जैन को पश्चिम रेलवे के नक्शे पर हाई-टेक जंक्शन के रूप में स्थापित करेगा। इससे न केवल ट्रेनों के अनावश्यक ठहराव में कमी आएगी बल्कि मानवीय त्रुटियों की संभावना भी लगभग समाप्त हो जाएगी। यात्राएं अब पहले से कहीं अधिक सुरक्षित और तेज होंगी।
Published on:
15 Oct 2025 12:53 pm
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