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साहित्य अकादमी ने एक प्रस्ताव पास कर लेखकों की हत्या और उन पर हमलों की निंदा की है। इसमें कहा गया है कि केंद्र और राज्य सरकारों को ऐसे हमलों से निपटना चाहिए। अकादमी ने बढ़ती असहिष्णुता की निंदा की है। लेखक कृष्णस्वामी रचिमुथु ने कहा कि हमने साहित्यकारों की हत्या की निंदा की है और राज्य और केंद्र सरकार से इनकी सुरक्षा के लिए कदम उठाने को कहा है। साथ ही रचनाकारों से अपने पुरस्कार वापस लेने को भी कहा है। बता दें कि साहित्य अकादमी पुरस्कार वापस करने के मुद्दे पर साहित्यकारों के दो धड़े अलग अलग प्रदर्शन कर रहे हैं। एक गुट मांग कर रहा था कि साहित्य कला अकादमी किसी के दवाब में ना आए और कोई प्रस्ताव पास करने की जरूरत नहीं है। जो लोग अपना अवॉर्ड वापस कर रहे हैं, वो करते रहे हैं। ये लोग रवींद्र भवन में प्रदर्शन कर रहे थे। वहीं दूसरा गुट मांग कर रहा था कि कलबुर्गी की हत्या को लेकर साहित्य अकादमी प्रस्ताव पास करे कि गलत हुआ है। जो लोग अवार्ड वापस कर रहे हैं उनकी बात सुनी जाए।