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संक्षिप्त तौर पर कह सकते हैं कि “विमुद्रीकरण (Demonetisation) वह प्रक्रिया है, जिसके तहत किसी देश की सरकार अपने देश की किसी मुद्रा (नोट) को कानूनी तौर पर प्रतिबंधित कर देती है. प्रतिबंध के बाद उस मुद्रा की कोई कीमत नहीं रह जाती. उस मुद्रा से किसी प्रकार की खरीद-बिक्री, लेन-देन और उसे संचित करना भी अपराध माना जाता है. मुद्रा पर प्रतिबंध के बाद सरकार एक समय सीमा तय करती है, जिसके अंदर लोग प्रतिबंधित किए गए नोटों को बैंकों में बदलकर उसके बदले उतने ही मूल्य के अन्य वर्ग के प्रचलित नोट या फिर नए जारी किए गए नोट ले सकते हैं. अगर तय समय सीमा के अंदर जिस प्रतिबंधित मुद्रा को बदला नहीं जाता है या फिर उसे बैंक में जमा नहीं किया जाता है तो वे सभी नोट कागज़ के टुकड़े या रद्दी हो जाते हैं.”