आयकर विभाग के अनुसार जिन भी व्यक्ति की टैक्स देनदारी एक वित्त वर्ष में 10 हजार रुपए से ज्यादा होती है, वे सभी एडवांस टैक्स के दायरे में आते हैं। यदि कोई व्यक्ति एडवांस टैक्स जमा नहीं करती है तो उसे आयकर की धारा 234B और 234C के तहत ब्याज के साथ भुगतान करना पड़ता है। एडवांस टैक्स एक वित्त वर्ष में चार बार जमा किया जाता है।