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Rajasthan: ईसरदा बांध के फेज-2 से पहले 39 गांव के किसानों ने खोला मोर्चा, जानें क्यों

Isarda Dam Second Phase: ईसरदा बांध के दूसरे चरण के प्रस्तावित निर्माण कार्यों से पहले डूब क्षेत्र के किसान मुआवजे को लेकर लामबंद हो गए हैं।

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टोंक

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Anil Prajapat

Oct 09, 2025

Isarda-Dam

महासभा में मौजूद किसान। फोटो: पत्रिका

टोंक। ईसरदा बांध के दूसरे चरण के प्रस्तावित निर्माण कार्यों से पहले डूब क्षेत्र के किसान मुआवजे को लेकर लामबंद हो गए हैं। रुईपेच मैदान में बुधवार को महासभा आयोजित कर कई निर्णय लिए गए। ईसरदा बांध डूब क्षेत्र संघर्ष समिति के बैनर तले किसान नेता हंसराज फागना की अध्यक्षता में महासभा आयोजित की गई। इसमें टोंक, उनियारा, चौथ का बरवाड़ा व खंडार उपखंड के 39 गांवों के किसान शामिल हुए।

महासभा में वक्ताओं ने कहा कि ईसरदा बांध का निर्माण टोंक और सवाईमाधोपुर जिले की सीमा पर किया गया है। प्रथम चरण के काम के बाद जल भराव हो गया है। उसके विस्थापित परिवारों और किसानों को अभी तक मुआवजा नहीं मिला है।

किसानों ने किया प्रदर्शन

वहीं दूसरा चरण 262.80 आरएल मीटर भरा की अधिसूचना जारी कर दी गई है। इससे करीब 39 ज्यादा गांव प्रभावित होंगे। जमीन डूब क्षेत्र में जाने से किसानों का जीवनयापन मुश्किल होगा। महासभा के बाद 21 सूत्रीय मांगों को लेकर किसान रुइपैच मैदान से रवाना हुए। वे नारे लगाते हुए घंटाघर होते हुए ​कलक्ट्रेट पहुंचे। जहां किसानों ने प्रदर्शन किया।

जिला कलक्टर को सौंपा ज्ञापन

इसके बाद समिति के प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान जिला कलक्टर कल्पना अग्रवाल, अतिरिक्त जिला कलक्टर रामरतन सौकरिया, अतिरिक्त जिला कलक्टर बीसलपुर समेत संबंधित विभागों के अधिकारी शामिल हुए। इस दौरान मांगों लेकर वार्ता की गई।

कई गांवों से आए लोग

महासभा में मंडावर, अरनियाकेदार, देवपुरा, चूरिया, करीरिया, बिठोला, अरनिया तिवाड़ी व ईसरदा ग्राम पंचायत समेत उनियारा, चौथ का बरवाड़ा व खंडार क्षेत्र के गांवों के किसान शामिल हुए। इस दौरान मुकेश बैरवा सरपंच देवपुरा, देवलाल गुर्जर पूर्व सरपंच मंडावर, फौजूराम मीणा करीरिया, छीतर भील चूरिया, कमलेश वर्मा देवली-भांची, पुष्कर सैन, रूपनारायण मंडावर, रामेश्वर चौधरी, रतन भील, मदन चौधरी अरनियाकेदार, रामस्वरूप बैरवा, हनुमान सिंह सोलंकी आदि शामिल थे।

यह रखी मांग

किसानों की मांग है कि इसरदा बांध के डूब क्षेत्र में आने वाली संपूर्ण जमीन को सिंचित भूमि मानकर ही मुआवजा दिया जाए। बांध की प्रस्तावित पूर्ण भराव क्षमता 262 आरएल मीटर के मुकाबले 258 आरएल मीटर तक ही रखी जाने की भी मांग रखी गई। वहीं डूब क्षेत्र के कुएं, नलकूप, पाइप लाइन, बिजली कनेक्शन का वर्तमान लागत से मुआवजा, विस्थापित परिवारों का पूनर्वास कृषि भूमि के नजदीक व सभी सुविधा, मकान, मंदिर व सपति का सपूर्ण मुआवजा, राशनकार्ड धारक तथा युवा बच्चों को भी मुआवजा, अवाप्ति कार्यालय टोंक में ही रखने, पहले चरण का मुआवजा 2013 के स्थान पर 2025 के मुताबिक देने, सर्वे टीम में स्थानीय पटवारी, सरपंच, वार्ड मेबर, पूर्व सरपंच व गांव के पांच लोगों को शामिल करने समेत 21 सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा गया।