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सबको छोड़ अकेला चला गया अंतिम सफर पर

वासोणा लॉयन सफारी के एकमात्र शेर की मौतशेर महीन को वर्ष 2015 में लॉयन सफारी में लाया गया था

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सूरत

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Sunil Mishra

May 08, 2018

patrika

सिलवासा. वासोणा लॉयन सफारी में एकमात्र शेर महीन की मौत से वन्यजीव अधिकारी सकते में हैं। महीन ने दोपहर बाद अचानक दम तोड़ दिया। महीन की मौत के बाद वन अधिकारियों ने नवसारी से पशु चिकित्सकों की टीम बुलाई है। पिछले कुछ दिनों से महीन का स्वास्थ्य यदाकदा बिगड़ जाता था। उसका पशु चिकित्सकों की देखरेख में इलाज चल रहा था। मंगलवार को सवेरे पशु चिकित्सकों ने महीन का स्वास्थ्य जांचा भी था। दोपहर के बाद शेर झोपड़ी में मृत मिला। शाम को नवसारी के पशु चिकित्सकों ने शव का पोस्टमार्टम किया एवं जांच के लिए सैंपल फोरेंसिक लेबोरेट्री भेज दिए हैं।
वन्यजीव अधिकारी विजय पटेल ने बताया कि दोपहर तक महीन का स्वास्थ्य ठीक था। 10 वर्षीय महीन को वर्ष 2015 में लॉयन सफारी में लाया गया था। महीन की मौत के बाद लॉयन सफारी के जंगल में सिर्फ दो शेरनी सोनल और गिरिजा शेष रह गई हैं। महीन के साथ गिरिजा को भी लॉयन सफारी में वर्ष 2015 में छोड़ा गया था। गत डेढ़ वर्ष पहले इस युवा जोड़े ने एक बच्चे को भी जन्म दिया था, लेकिन नवजात ने दो दिन जीवित रहने के बाद संसार को अलविदा कह दिया था। एशियाटिक शेरनी सोनल ने लॉयन सफारी में 15 वर्ष पूरे कर लिए हैं। वह अब वृद्धावस्था में है।


तीन शेर मर चुके हैं
लॉयन सफारी की स्थापना के बाद इस जंगल में तीन शेर मर चुके हैं। लॉयन सफारी की स्थापना वर्ष 2003 में हुई थी, उस समय इसमें एशियाटिक शेरनी सोनल व शिल्की तथा एक नर शेर कुश छोड़ा गया था। थोड़े दिन बाद जवानी में कुश की मौत हो गई, तथा इसके बाद शिल्की ने भी ज्यादा जीवन नहीं बिताया। लॉयन सफारी के जंगल में बची सोनल की संगत के लिए गुजरात से धर्म नामक एशियाटिक शेर लाया गया, लेकिन उसे भी लॉयन सफारी का वातावरण ज्यादा दिन पसंद नहीं आया। दो वर्ष जीवित रहने के बाद वह चल बसा। वन्यजीव अधिकारियों की मेहनत से वर्ष 2015 में सोनल को महीन और गिरिजा का साथ मिला। सोनल अब 19 वर्ष की हो चुकी है। वन्यजीव अधिकारियों के अनुसार शेर की औसत आयु 15 से 20 वर्ष होती है।