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विधानसभा चुनाव के कारण मत्स्य उत्सव के आयोजन पर संशय

हर साल मनाये जाने वाला मत्स्य उत्सव की तारीखों पर अभी संशय है। इसका कारण है कि विधानसभा चुनाव के मतदान की तिथि 25 नवम्बर को है और प्रतिवर्ष 25 व 26 नवंबर को मत्स्य उत्सव का आयोजन होता है। इस कारण अभी तक यह तय नहीं हो पाया है कि इस बार उत्सव किस तारीख को होगा।

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हर साल 25 व 26 नवंबर को मत्स्य उत्सव का आयोजन होता है

हर साल मनाये जाने वाला मत्स्य उत्सव की तारीखों पर अभी संशय है। इसका कारण है कि विधानसभा चुनाव के मतदान की तिथि 25 नवम्बर को है और प्रतिवर्ष 25 व 26 नवंबर को मत्स्य उत्सव का आयोजन होता है। इस कारण अभी तक यह तय नहीं हो पाया है कि इस बार उत्सव किस तारीख को होगा।

वर्ष 2022 में 24 से 27 नंबवर तक मत्स्य उत्सव का आयोजन किया गया था। इसके तहत हॉट एयर बलून, जगन्नाथ मंदिर में महाआरती, एडवेंचर एक्टिविटी, राजस्थान सांस्कृतिक कार्यक्रम, पेट शो, दीपदान, म्यूजिकल नाइट सहित अन्य कार्यक्रम आयोजित किए गए थे।

पूर्व राज परिवार से जुड़े नरेंद्र सिंह राठौड़ बताते हैं कि 25 नवंबर 1775 को महाराव राजा प्रतापसिंह ने अलवर के बाला किला पर जीत का झंडा फहराया था। इस दिन को अलवर के स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है। सन 1996 में तत्कालीन जिला कलक्टर मनोहर कांत ने अलवर उत्सव के रूप में तीन दिवसीय आयोजन की शुरूआत की थी। जिसे बाद में मत्स्य उत्सव का नाम दिया गया।

जिलेवासियों को उत्सव का इंतजार : मत्स्य उत्सव को अधिक लोकप्रिय बनाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से प्रतिवर्ष नवाचार किए जाते हैँ। पहले इस उत्सव के तहत शहर में ही आयोजन होते थे लेकिन अब पिछले कुछ सालों से जिले में अलग- अलग जगह पर उत्सव के तहत कार्यक्रम किए जाते हैं। इससे जिलेवासियों का लगाव भी बढ़ा है।

प्रशासन है व्यस्त, कैसे होंगे आयोजन
मत्स्य उत्सव के आयोजन की तैयारियां कई दिन पहले ही शुरू हो जाती है। इसमें सभी विभागों का सहयोग रहता है। लेकिन इस बार विधानसभा चुनाव होने से प्रशासन इसमें सहयोग नहीं कर पाएगा।

हर साल मत्स्य उत्सव का आयोजन 25 नवंबर से होना है, लेकिन इस बार चुनाव के चलते अभी इसकी तारीखों के बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता। मत्स्य उत्सव की तारीख आगे भी बढ़ सकती हैं। अभी कोई निर्देश नहीं मिले है।

टीना यादव, सहायक निदेशक, पर्यटन विभाग, अलवर