
शहडोल. किसानों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। पहले लगातार बारिश की वजह से बीमारी के प्रकोप ने सोयाबीन व धान की फसल को नुकसान पहुंचाया और अब जब फसल पक कर तैयार हो तो फिर से मौसम ने करवट बदला है। दो दिन से आसमान में काले बादल छाए रहे और रविवार की देर शाम बारिश की झड़ी लग गई। देर शाम हुई आधे घंटे से अधिक बारिश ने एक बार किसानों की उम्मीदों पर पानी फेरने का काम किया है। बताया जा रहा है कि आगामी 28 अक्टूबर तक मौसम का मिजाज ऐसा ही रहने की संभावना है। ऐसे में किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है। उल्लेखनीय है कि तिल, उड़द व सोयाबीन की फसल कटकर खलिहानों में रखी है और गहाई का कार्य चल रहा है। वहीं धान की फसल भी तैयार है और किसानों ने कटाई भी शुरु कर दी है। इस बीच मौसम में परिवर्तन और बारिश से फसलें प्रभावित होंगी।
मौसम में आए परिवर्तन के साथ ही ठंड का असर भी बढऩे लगा है। पिछले कुछ दिनों से दिन में तपिश और रात में ठंडक का अहसास हो रहा था। लेकिन दो दिन पहले ही सुबह से कोहरे की धुंध छाई रही। वहीं आसमान में बादलों के डेरा व बारिश ने मौसम में नमी घोलने का काम किया है। आगामी दो से तीन दिन बाद मौसम खुलते ही ठंड का असर और बढ़ेगा।
जानकारों की माने तो मौसम में परिवर्तन की वजह से खरीफ फसल के साथ ही सब्जियों को भी नुकसान होगा। टमाटर व बैगन में वैक्टीरियल बिल्ट बीमारी व फलभेदक कीट के प्रकोप का खतरा बढ़ गया है। इसके अलावा फूलगोभी व पत्ता गोभी को भी कीट प्रभावित करेंगे। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि यह बारिश खरीफ के साथ रबी की फसलों को भी प्रभावित करेगी। खेतों में नमी व पानी भरने की स्थिति में चना, मटर व मसूर की बोनी देरी से होगी।
इनका कहना है
तिल, उड़द, सोयाबीन के साथ धान की फसल को नुकसान होगा। बैगन, टमाटर में वैक्टीरियल बिल्ट बीमारी, फलभेदक कीट के प्रकोप बढऩे की संभावना बढ़ गई है। साथ ही सरसो, चना, मटर, मसूर की बोनी भी प्रभावित होगी।
डॉ. बीके प्रजापति, कृषि वैज्ञानिक
Published on:
27 Oct 2025 12:09 pm
बड़ी खबरें
View Allशहडोल
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग

