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Big news: रीवा सेंट्रल जेल में शिफ्ट हुई हवाला मनी डकैती मामले की आरोपी एसडीओपी पूजा पांडे

शेष 10 आरोपी पुलिसकर्मियों को नरसिंहपुर जेल में भेजने का आदेश हुआ जारी, सभी हुए रवाना

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सिवनी. हवाला के दो करोड़ 96 लाख 50 हजार रुपए की डकैती के मामले में आरोपी एसडीओपी पूजा पांडे समेत 11 पुलिसकर्मियों को सिवनी जिला जेल से सेंट्रल जेल नरसिंहपुर एवं रीवा शिफ्ट कर दिया गया है। जेल मुख्यालय भोपाल से आदेश के बाद जेल प्रशासन ने उन्हें प्रक्रिया पूरी होने के बाद शुक्रवार सुबह पुलिस बल की मौजूदगी में नरसिंहपुर एवं रीवा के लिए रवाना किया। बता दें कि नियम के अनुसार जिले में प्रभावशाली व्यक्तियों को उसी क्षेत्र में नहीं रखा जाता है। आरोपी पुलिसकर्मी काफी समय से सिवनी जिले में तैनात रहे हैं और उन्होंने कई अपराधियों को जेल के सलाखों तक पहुंचाया है। ऐसे में उनकी सुरक्षा को भी खतरा था। इसे देखते हुए जेल प्रशासन ने कोर्ट को शिफ्टिंग के लिए आवेदन दिया था। जिसे मंजूर कर लिया गया। इसके बाद मुख्यालय से यह निर्णय होना था कि आरोपी 11 पुलिसकर्मियों को किस जेल में शिफ्ट किया जाएगा। मुख्यालय से आदेश आने के बाद आरोपी एसडीओपी पूजा पांडे को सेंट्रल जेल रीवा शिफ्ट किया गया। वहीं शेष 10 पुलिसकर्मी एसआई अर्पित भैरम, आरक्षक माखन इवनाती, जगदीश यादव, योगेन्द्र चौरसिया, केदार बघेल, सुभाष सदाफल, नीरज राजपूत, रविन्द्र, रितेश एवं प्रधान आरक्षक राजेश जंघेला को नरसिंहपुर सेंट्रल जेल शिफ्ट किया गया है।

14 दिन की न्यायिक रिमांड भी बढ़ी
इससे पहले गुरुवार को सभी आरोपी पुलिसकर्मियों की 14 दिन की रिमांड अवधि खत्म होने के बाद गुरुवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से सिवनी लोअर कोर्ट में पेश किया गया। सुनवाई के बाद कोर्ट ने हवाला के रुपयों की डकैती करना, गलत तरीके से रोकना, अपहरण और आपराधिक षडय़ंत्र के आरोपी एसडीओपी समेत सभी 11 पुलिसकर्मियों को 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेजने का आदेश दिया। वे 12 नवंबर तक जेल में ही रहेंगे। बता दें कि सभी आरोपी पुलिसकर्मियों को 17 अक्टूबर को लोअर कोर्ट में पेश किया गया था। कोर्ट ने सभी की जमानत याचिका खारिज कर न्यायिक रिमांड पर 14 दिन के लिए जेल भेज दिया था। आरोपी पुलिसकर्मियों ने दिवाली जेल में ही मनाई। वहीं आरोपी एसडीओपी पूजा पांडे ने जिला एवं सत्र न्यायालय में भी जमानत की अर्जी लगाई थी। विशेष न्यायालय में जमानत याचिका की सुनवाई हुई। उन्हें यहां से भी राहत नहीं मिली और जमानत याचिका निरस्त कर दी गई। अब उन्होंने हाइकोर्ट में याचिका लगाई है।

90 दिन बाद जमानत के हो जाएंगे हकदार
मामले की जांच जबलपुर एसआईटी टीम कर रही है। पुलिस ने अभी चार्जशीट दाखिल नहीं की है। नियम के अनुसार पुलिस के पास 90 दिन का समय चार्जशीट दाखिल करने के लिए होता है। हालांकि कुछ विशेष मामले में यह समय-सीमा बढ़ाई भी जा सकती है। इसके लिए उन्हें कोर्ट को विशेष कारण बताना होगा। जानकारों का कहना है कि इस बीच अगर आरोपी पुलिसकर्मियों को जबलपुर हाईकोर्ट से जमानत मिल जाती है तो ठीक नहीं तो उनकी न्यायिक रिमांड बढ़ती जाएगी। वहीं 90 दिन बाद वे लोअर कोर्ट से जमानत पाने के हकदार हो जाएंगे।

सभी पुलिसकर्मी हो चुके हैं निलंबित
जिले में 8-9 अक्टूबर की दरमियानी रात लखनवाड़ा थाना क्षेत्र के सीलादेही बाइपास पर पुलिसकर्मियों ने पैसों से भरी कार की जांच की। आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने इसमें से बड़ी राशि अपने पास रख लिया और अगले दिन शाम तक जब्ती नहीं बनाई और न ही वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को सूचित किया। पुलिसकर्मियों के संदिग्ध आचरण को देखते हुए सिवनी एसडीओपी पूजा पांडे, बंडोल थाना प्रभारी एसआई अर्पित भैरम, आरक्षक माखन इवनाती, जगदीश यादव, योगेन्द्र चौरसिया, केदार बघेल, सुभाष सदाफल, नीरज राजपूत, रविन्द्र, रितेश एवं प्रधान आरक्षक राजेश जंघेला को पहले निलंबित किया गया। इसके बाद लखनवाड़ा थाना में विभिन्न धाराओं में आरोपियों पर मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया गया। आईजी के निर्देश पर एसआईटी मामले की जांच कर रही है।

जिला जेल प्रशासन ने ली राहत की सांस
आरोपी पुलिसकर्मियों को नरसिंहपुर एवं रीवा जेल में शिफ्ट होने के बाद सिवनी जेल प्रशासन ने भी राहत की सांस ली है।