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Rajasthan : RAS में बेटे की सफलता पर बोले पिता, जिंदा होता तो हम भी मनाते खुशियां, जानें यह दर्द भरी कहानी

Rajasthan : खुशी की न्यूज के बाद भी गंगापुरसिटी के बामनवास गांव में सभी की आंख नम थी। वजह है सिरसाली का होनहार सुनील बैरवा, जो डेढ़ महीने पहले बीमारी से जिंदगी की जंग हार गया था, उसका राजस्थान प्रशासनिक सेवा की अंतिम सूची में चयन हो गया है।

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RAS 2023 son Sunil Bairwa success Father said if he was alive we would have celebrated too it is a very painful story know

सिरसाली का होनहार सुनील बैरवा। पत्रिका फोटो

Rajasthan : बामनवास (गंगापुरसिटी) गांव की गलियों में जश्न की आतिशबाजी होनी थी, डीजे की धुन पर बारात-सा जुलूस निकलना था, पर हालात उलटे हैं…। हर आंख नम है और हर दिल भारी। वजह है सिरसाली का होनहार सुनील बैरवा, जो डेढ़ महीने पहले बीमारी से जिंदगी की जंग हार गए, लेकिन अब राजस्थान प्रशासनिक सेवा की अंतिम सूची में उनका 1150वीं रैंक के साथ चयन हुआ है।

संघर्ष और गरीबी से जूझकर हासिल की गई यह सफलता आज गर्व तो दे रही है, मगर साथ ही उस खालीपन का भी अहसास करा रही है, जिसे उनका परिवार और गांव कभी नहीं भर पाएगा। बीमारी के कारण 28 अगस्त को उनका निधन हो गया था। माता-पिता का कहना है ’अगर हमारा बेटा आज जीवित होता, तो हम भी अन्य चयनित बच्चों के परिवारों की तरह खुशियां मनाते।’

परिवार के लोगों के बोल भी नहीं फूट पा रहे हैं…

करीब डेढ़ माह पहले जवान बेटे की मौत का गम झेल रहे परिवार के जख्म आरएएस में चयन के बाद और गहरे हो गए हैं। परिवार के लोग गमजदा हैं। वे पहाड़ जैसे दुख को भूलने का प्रयास कर ही रहे थे कि अब बेटे का चेहरा फिर से सामने आने लगा है। परिवार के लोगों के बोल भी नहीं फूट पा रहे हैं।

पत्नी भी कर रही पढ़ाई

25 वर्षीय सुनील अपने माता-पिता का एकलौता पुत्र था। परिवार में माता संतोष व पिता पप्पूलाल बैरवा के अलावा दादा-दादी भी जीवित हैं। वह अपने पीछे 22 वर्षीय पत्नी सपना और सात माह की बच्ची को छोड़ गए हैं। सपना भी वर्तमान में पढ़ाई कर रही हैं। राजस्थान प्रशासनिक सेवा में चयन की सूचना मिलते ही जहां एक ओर खुशियों का माहौल होना चाहिए था, वहीं परिवार में यह खबर और भी कोहराम लेकर आई।