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SSP ने ली परीक्षा, 695 अंक पाकर सीओ वन ने किया टॉप

UP Police : एसएसपी ने अपराध पर सभी पुलिस क्षेत्राधिकारियों के कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान रेंक में सर्किल वन अव्वल रहा।

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Saharanpur Police

सीओ वन मुनीश चंद्र का फाइल फोटो

UP Police : जिले में हो रहे अपराध पर अफसरों की भी परीक्षा होती है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने सभी पुलिस क्षेत्राधिकारियों की साप्ताहिक अपराध समीक्षा गोष्ठी में परीक्षा ली। इस गोष्ठी में 12 अलग-अलग बिंदुओं पर सभी पुलिस क्षेत्राधिकारियों के कार्यों की समीक्षा हुई। यह परीक्षा कुल 1000 अंक की थी। इस परीक्षा में सीओ प्रथम करीब 70 प्रतिशत अंक ले आए। इन अंकों के साथ उन्होंने प्रथम स्थान प्राप्त किया है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने की समीक्षा ( UP Police )

सहारनपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आशीष तिवारी ने बताया कि, इस परीक्षा यानी अपराध गोष्ठी का उद्देश्य पुलिसिंग को और बेहतर करने के साथ-साथ गंभीर मामलों की जांच में तेजी लाने के साथ-साथ उन्हे और अधिक पारदर्शी बनाना है। इस तरह की समीक्षा से पुलिसिंग में तत्परता के साथ-साथ पारदर्शिता बढ़ती है जिससे पुलिस-पब्लिक रिलेशन मजबूत होते हैं और पीड़ित को समय से सही न्याय मिल पाता है। इसके साथ-साथ शासन की प्राथमिकता वाले अभियानों में भी तेजी आती है। इसी उद्देश्य से 12 बिंदुओं पर साप्ताहिक समीक्षा की गई थी। इस समीक्षा में सर्वाधिक अंक सीओ प्रथम यानी सीओ वन सर्किल ने प्राप्त किए हैं। इस बेहतर प्रदर्शन पर सीओ वन सर्किल को बधाई दी गई है और इसी के साथ-साथ अन्य सर्किल को भी अगले सप्ताह बेहतर से बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित किया गया है।

सीओ वन सर्किल ने बनाई हैट्रिक !

प्रथम आने पर जब सीओ प्रथम मुनीश चंद्र से बात की गई तो उन्होंने 'पत्रिका' के साथ बातचीत बताया कि, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में ही कार्य किया गया। पिछले तीन सप्ताह से लगातार सर्किल वन बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। इसका श्रेय सभी स्टाफ और थाना प्रभारियों के साथ-साथ बीट सिपाही तक को जाता है। बोले कि, जो निर्देशन मिले थे उन्ही पर चलते हुए कार्य किया गया और इसी का नतीजा रहा कि उनका सर्किल बेहतर प्रदर्शन दे पाया।

इन बिन्दुओं पर थी परीक्षा ( UP Police )

एसआईटी अभियोगों की समीक्षा, आक्समिक निरीक्षण पुस्तिका की जांच, यातायात व्यवस्था का मूल्यांकन, धारा 126/35 बीएनस की कार्यवाही, शत्रु संपत्ति से संबंधित प्रकरणों की समीक्षा, जातीय बोर्ड/ होर्डिंग की समीक्षा, प्रचलित अभियानों की प्रगति, अभियोजन कार्यों में मॉनेटरिंग सैल के कार्य, चोरी और लूटे गए मोबाइल फोन की बरामदगी, जेल से रिहा अभियुक्त और आरोपियों का सत्यापन, IGOT प्रशिक्षण की समीक्षा, CCTNS पर प्रगति समेत अन्य बिंदुओं पर समीक्षा की गई थी।