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70 डिग्री तापमान के बीच कर रहे सफर, चलती गाड़ी में हवा का प्रेशर बढऩे से टायर फटने खतरा

लगातार बढ़ते तापमान के साथ हावइे पर दौड़ रहे वाहनों में आग लगने के साथ टायर फटने का खतरा भी बढ़ गया है। सोमवार को ही छतरपुर जिले के चंदला थाने के पास रावपुर रोड पर चलती

सागर

Madan Tiwari

Jun 13, 2025

गर्मी के कारण चलती गाडिय़ों में आग लगने की आशंका

सागर. लगातार बढ़ते तापमान के साथ हावइे पर दौड़ रहे वाहनों में आग लगने के साथ टायर फटने का खतरा भी बढ़ गया है। सोमवार को ही छतरपुर जिले के चंदला थाने के पास रावपुर रोड पर चलती कार में आग लग गई थी। आग इतनी तेजी से फैली कि कुछ ही मिनट में पूरी कार जलकर खाक हो गई। उसमें सवार दो लोगों को कूदकर अपनी जान बचानी पड़ी थी। ऐसे ही कुछ दिन पहले फोरलेन पर एक ट्रक, एक कार में भी आग लगने की घटना सामने आ चुकी है।

इसको लेकर पत्रिका ने विशेषज्ञों से चर्चा की तो यह बात सामने आई है कि आप जिस कार में एसी चलाकर आराम के साथ सफर कर रहे हैं, उसके इंजन, एसी की गर्मी के कारण अगले हिस्से का तापमान सामान्य से 20 डिग्री तक ज्यादा हो सकता है। यानी आप 60 से 70 डिग्री के तापमान के बीच बैठकर सफर कर रहे हैं। इसके अलावा गर्मी के कारण सड़कें भी गर्म हो जाती हैं और लगातार चलने से हवा का प्रेशर बढऩे के कारण टायरों के फटने का खतरा रहता है। इन हादसों से बचने को लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि सुरक्षा से समझौता न करें।

- हादसों से बचने यह सुझाव

- खराबी न होने पर भी गाड़ी के इंजन, एसी और बायरिंग की समय-समय पर जांच कराते रहें।

- गर्मी के कारण टायर में हवा का प्रेशर बढ़ जाता है, इसलिए सामान्य से 2-3 पाइंट कम हवा रखें।

- हाइवे पर लगातार सफर न करें, 80 से 100 किलोमीटर के बाद 10 से 15 मिनट का रेस्ट करें।

- गर्मी के समय गाडिय़ों में कमजोर टायर का उपयोग न करें, उसमें भी सामान्य की जगह नाइट्रोजन डलवाएं, जिससे वह अंदर से ठंडे रहें।

- गाडिय़ों के हेडलैम्प में क्षमता से ज्यादा पावर के बल्व न लगाएं।

- यदि गाड़ी कुछ समय से धूप में खड़ी है तो बैठते ही एसी न चलाएं, कांच खोलकर कुछ दूरी तक बिना एसी के चलें।

- फैक्ट फाइल

4 नेशनल हाइवे जिले से गुजरे

3 स्टेट हाइवे जिले से गुजरे

50 हजार वाहन हर रोज हाइवे से गुजर रहे

45 डिग्री पहुंच रहा तापमान

70 डिग्री हो जाता है वाहन का तापमान

- एक्सपर्ट व्यू

- 98 डिग्री तक जाता है इंजन का वर्किंग टेंपरेचर

कार के इंजन का वर्किंग टेंपरेचर 98 डिग्री तक पहुंच जाता है, लेकिन यदि गाड़ी का रेजीएटर सही काम कर रहा है, उसमें पर्याप्त कूलेंट है तो कोई खतरा नहीं होगा। इंजन व एसी की गर्मी के कारण गाड़ी के अगले हिस्से का तापमान भी 60 से 70 डिग्री पहुंच जाता है। ऐसे में यदि गाड़ी में कूलेंट की कमी है, बायरिंग पुरानी या लोकल है तो आग लगने का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा लगातार चलने से गाड़ी के टायर भी गर्म होने के साथ उनमें हवा का प्रेशर ऑटोमेटिक बढ़ जाता है। इसलिए जरूरी है कि सुरक्षा से समझौता न करें, नियमित अपनी गाड़ी की जांच कराएं।

विकल्प साहू, वर्कशॉप मैनेजर, कार शोरूम