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Choti Diwali Puja Muhurat 2025: छोटी दिवाली पूजा मुहूर्त, शुभ समय… जानिए किस भगवान की करनी चाहिए पूजा

Choti Diwali Puja Muhurat 2025: छोटी दिवाली 2025 कब है? जानिए नरक चतुर्दशी की तिथि, शुभ मुहूर्त, अभ्यंग स्नान का समय, दीपदान विधि और किस भगवान की करनी चाहिए पूजा। इस दिन की पूजा से पापों से मुक्ति और घर में धन-समृद्धि का वास होता है।

2 min read

भारत

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Dimple Yadav

Oct 15, 2025

Choti Diwali Puja Muhurat 2025

Choti Diwali Puja Muhurat 2025 (photo- gemini ai)

Choti Diwali Puja Muhurat 2025 : दीपोत्सव का पर्व दीपावली पांच दिनों तक मनाया जाता है। धनतेरस, छोटी दिवाली (नरक चतुर्दशी), मुख्य दिवाली, गोवर्धन पूजा और भाई दूज। इनमें से छोटी दिवाली, जिसे नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है, भगवान श्रीकृष्ण द्वारा दैत्य नरकासुर के वध की स्मृति में मनाई जाती है। इस दिन को अंधकार पर प्रकाश और अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक माना गया है।

छोटी दिवाली कब है 2025 में?

वर्ष 2025 में छोटी दिवाली शनिवार, 18 अक्टूबर को मनाई जाएगी। यह दिन कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को पड़ रहा है। नरक चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ 18 अक्टूबर, दोपहर 12:18 बजे होगा। नरक चतुर्दशी तिथि समाप्त 19 अक्टूबर, दोपहर 01:51 बजे होगा।

छोटी दिवाली पूजा मुहूर्त

अभ्यंग स्नान का शुभ समय सूर्योदय से लेकर सुबह 6:10 बजे तक है। दीपदान मुहूर्त सूर्यास्त के बाद शाम 6:15 बजे से 8:00 बजे तक सबसे श्रेष्ठ है। शास्त्रों में कहा गया है “यदा चतुर्दशी कार्तिके कृष्णपक्षे दीपदानं कुर्यात् स नरकं न याति।” अर्थात, जो व्यक्ति इस दिन स्नान, दान और दीपदान करता है, उसे नरक के कष्टों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

किस भगवान की करनी चाहिए पूजा?

छोटी दिवाली के दिन भगवान श्रीकृष्ण, हनुमानजी, लक्ष्मी-नारायण और यमराज की पूजा का विशेष महत्व है। सूर्योदय से पहले उठकर तिल के तेल से स्नान करें। यह शरीर और मन दोनों को पवित्र करता है और पापों का नाश करता है।भगवान हनुमान की मूर्ति स्थापित कर हनुमान चालीसा का पाठ करें और हलवे का भोग लगाएं। इससे भय और संकट दूर होते हैं। भगवान कृष्ण की प्रतिमा पर तिलक कर माखन-मिश्री का भोग लगाएं और आरती करें। यह पापों से मुक्ति और सुख-समृद्धि का कारक माना गया है। दीप जलाकर “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें। इससे धन, सौभाग्य और शांति का आशीर्वाद मिलता है।

शाम की पूजा:

सूर्यास्त के बाद घर के मुख्य द्वार के बाहर दक्षिण दिशा में मुख करके चौमुखी दीपक जलाएं। यह “यम का दीपक” कहलाता है। ऐसा करने से अकाल मृत्यु का भय समाप्त होता है। घर के हर कोने में दीपक जलाएं। 14 दीपक जलाने की परंपरा है, जो चतुर्दशी तिथि का प्रतीक है। शाम को देवी लक्ष्मी की पूजा कर दीप जलाएं और घर को रोशनी से भर दें। इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सुख-समृद्धि का वास होता है।

छोटी दिवाली का महत्व

छोटी दिवाली हमें यह सिखाती है कि जैसे भगवान श्रीकृष्ण ने अंधकार रूपी नरकासुर का नाश किया, वैसे ही हमें अपने भीतर के अज्ञान और नकारात्मकता का नाश करना चाहिए। इस दिन की पूजा न केवल पापों से मुक्ति देती है, बल्कि घर में धन, स्वास्थ्य और शांति भी लाती है।