Wedding Rituals: भारत में विवाह केवल एक सामाजिक बंधन नहीं बल्कि एक अनूठा संगम हैं। दुनियाभर के लोग शादी करते हैं, अलग-अलग देशों मे शादी का अपना अलग रिवाज अलग खान-पान है, लेकिन भारत में होने वाली शादियों की अलग रस्में है, तो आइए जानते हैं इन रस्मों के बारे में..
शादी हमारी जिंदगी का एक अहम हिस्सा है और ऐसा कहा जाता है कि शादी के बाद किसी भी लड़का या लड़की की नई जिंदगी की शुरुआत होती है। दुनियाभर के लोग शादी करते हैं और अपने परिवार को आगे बढ़ाते हैं। लेकिन, बात हो भारतीय शादियों की तो यह खुशियों और उत्सव से भरी होती है। यह सिर्फ एक दिन का नहीं बल्कि 5 से 7 दिन की खास परंपराओं में पिरोया गया बंधन है। भारतीय शादियों की कुछ ऐसी रस्में हैं जो इसे दुनियाभर की शादियों से अलग बनाती हैं। आइए जानते हैं भारतीय शादी की खास रस्मों के बारे में..
गणेश पूजा के बिना कोई भी हिंदू विवाह पूरा नहीं होता है। शादी के दिन से कुछ दिन पहले, दूल्हा और दुल्हन, परिवार के साथ भगवान गणेश की पूजा करते हैं और इस बात की प्रार्थना करते हैं कि शादी की रस्में बिना किसी अपशगुन के हो। इसके अलावा परिवार वाले जल्द ही शादीशुदा जोड़े की नई और अच्छी शुरुआत के लिए भी प्रार्थना करते हैं।
भारतीय शादियों में मेंहदी का बड़ा ही खास महत्व है। यह रस्म दूल्हा और दुल्हन दोनों के लिए बहुत खास होती है। साथ ही अपने हाथों में दुल्हन के साथ उसके रिश्तेदार और उसकी सहेलियां भी मेहंदी लगाती हैं।
हल्दी और मेंहदी की रस्म के बाद सेहरा को खास माना जाता है, जो कि बारात ले जाने से पहले दूल्हा को बांधा जाता है। सेहरा बांधने वाले को नेग या फिर शगुन के तौर पर उपहार दिया जाता है। यह रस्म विवाह की सभी रश्मों में महत्वपूर्ण मानी जाती है।
बारात लेकर जब लड़का, लड़की के दरवाजे पर पहुंचता है, तो वहां खाना आदि के बाद इस रस्म को निभाया जाता है। साथ ही लड़की की बहनें और सहेलियां मिलकर लड़के के जूते छिपाती है और उन्हें उन्हें लौटाने के लिए नेग और उपहार की मांग करती हैं।
भारतीय विवाह में कन्यादान को सबसे पवित्र रस्मों में से एक माना जाता है। इसमें दुल्हन के माता-पिता अपनी बेटी को दूल्हे को सौंपते हैं। यह रस्म परिवारों के बीच विश्वास और प्रेम का प्रतीक है। इसे हिंदू शास्त्रों में 'महादान' का दर्जा भी दिया गया है।
जब लड़का अपनी दुल्हन को साथ लेकर आता है तो उसे ग्रहलक्ष्मी कहा जाता है और वह जब घर में प्रवेश करती है तो उसके हाथ में हल्दी लगवाकर छाप लगवाए जाते हैं। यह एक महत्वपूर्ण रस्म है जो लड़की को ससुराल के सुख-दुःख में बराबर की हिस्सेदारी पक्की करती है।
डिस्क्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारियां पूर्णतया सत्य हैं या सटीक हैं, इसका www.patrika.com दावा नहीं करता है। इन्हें अपनाने या इसको लेकर किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले इस क्षेत्र के किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।
Updated on:
25 Nov 2024 03:47 pm
Published on:
25 Nov 2024 02:43 pm