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केलवा क्षेत्र में बेखौफ रेती माफिया: नाबालिगों के हाथों दौड़ते ट्रैक्टर, किसी बड़े हादसे का इंतज़ार कर रहा प्रशासन?

क्षेत्र में अवैध रेती परिवहन का गोरखधंधा खुलेआम चल रहा है। प्रशासनिक सख्ती के दावों के बावजूद रोजाना रेत से लदे ट्रैक्टर तेज रफ्तार से आबादी क्षेत्र से गुजर रहे हैं।

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Tractor News

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केलवा. क्षेत्र में अवैध रेती परिवहन का गोरखधंधा खुलेआम चल रहा है। प्रशासनिक सख्ती के दावों के बावजूद रोजाना रेत से लदे ट्रैक्टर तेज रफ्तार से आबादी क्षेत्र से गुजर रहे हैं। ये न सिर्फ यातायात नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं, बल्कि लोगों की जान के लिए भी गंभीर खतरा बन चुके हैं। स्थिति यह है कि कई बार इन ट्रैक्टरों को नाबालिग लड़के चला रहे हैं, जो खुद अपनी और दूसरों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं।

तेज रफ्तार ट्रैक्टरों से दहशत में ग्रामीण

ग्रामीणों ने बताया कि सुबह से लेकर देर रात तक रेती से भरे ट्रैक्टर गलियों और मुख्य सड़कों से तेज गति से निकलते हैं। आबादी क्षेत्र में यह ट्रैक्टर इतनी रफ्तार से दौड़ते हैं कि राहगीरों, बुजुर्गों और बच्चों को सड़कछोड़कर भागना पड़ता है। कई बार इन वाहनों की तेज रफ्तार के कारण लोग बाल-बाल बचे हैं। चारभुजा मार्ग, राणीपाड़ा रोड, और गढ़बोर धाम के आसपास तो यह आम दृश्य बन गया है। स्थानीय निवासी नारायणलाल जाट का कहना है कि दिन के उजाले में भी ट्रैक्टर वाले किसी डर के बिना फर्राटा भरते निकल जाते हैं। पुलिस को सूचना देने पर भी कोई असर नहीं होता।

नाबालिगों के हाथों में स्टेयरिंग

ग्रामीणों का कहना है कि अधिकांश ट्रैक्टर नाबालिग युवक चला रहे हैं। स्कूल जाने की उम्र में ये किशोर रेत से लदे ट्रैक्टरों को तेज रफ्तार में आबादी क्षेत्रों से निकालते हैं। कई बार ऐसे चालक न तो सड़क सुरक्षा नियम जानते हैं, न ही वाहन नियंत्रण की क्षमता रखते हैं। स्थानीय लोगों को डर है कि किसी दिन ये लापरवाही किसी बड़े हादसे में बदल सकती है। केलवा निवासी गोपाल परमार बताते हैं कि कई बार तो हम देखते हैं कि 15-16 साल के बच्चे ट्रैक्टर चला रहे हैं और उनके साथ तीन-चार लोग ऊपर बैठे रहते हैं। थोड़ी सी चूक किसी की जान ले सकती है।

सड़क पर गिरती रेती बन रही जानलेवा

ग्रामीणों ने बताया कि रेत से भरे ट्रैक्टरों से रास्ते में रेती गिरने से सड़क पर फिसलन बढ़ जाती है। इससे दुपहिया वाहन चालकों के लिए खतरा और बढ़ जाता है। पिछले कुछ महीनों में कई बाइक सवार रेत के कारण फिसलकर घायल हो चुके हैं। स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि ये हादसे आम हो चुके हैं, लेकिन प्रशासनिक लापरवाही बरकरार है।

कानून व्यवस्था पर उठ रहे सवाल

अवैध रेती परिवहन की शिकायतें बार-बार पुलिस तक पहुंचने के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस की नाक के नीचे यह सारा कारोबार चल रहा है। कई बार अवैध रेती परिवहन के वाहन थाने से कुछ ही दूरी पर से गुजर जाते हैं, फिर भी कार्रवाई नहीं होती। एक स्थानीय बुजुर्ग रामलाल चौधरी कहते हैं कि जब तक प्रशासन सख्त नहीं होगा, तब तक रेती माफिया बेलगाम रहेंगे। अब तो ऐसा लगता है जैसे यह सब मौन स्वीकृति के साथ हो रहा है।

रेती माफिया के बढ़ते हौसले

प्रशासन की उदासीनता ने रेती माफिया के हौसले और भी बुलंद कर दिए हैं। जानकारी के अनुसार, आसपास के इलाकों से रेत चोरी कर यह ट्रैक्टर देर रात और तड़के सुबह के समय खेतों से होते हुए मुख्य मार्गों पर निकलते हैं। कुछ ग्रामीणों ने बताया कि कई बार तो ये चालक पुलिस चौकी देखकर रास्ता बदल लेते हैं और वैकल्पिक मार्गों से निकल जाते हैं।

ग्रामीणों की मांग: सख्त कार्रवाई हो

क्षेत्रवासियों ने प्रशासन से मांग की है कि इस अवैध गतिविधि पर तत्काल रोक लगाई जाए। नाबालिग चालकों पर विशेष निगरानी रखी जाए और ऐसे वाहनों को जब्त किया जाए जो बिना परमिट और सुरक्षा मानकों के रेत ढोने में संलिप्त हैं। ग्रामीणों ने यह भी कहा कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो वे सामूहिक रूप से धरना प्रदर्शन करेंगे।

थानाधिकारी का बयान

इस मामले में थानाधिकारी लक्ष्मणराम विश्नोई ने कहा कि अवैध तरीके से रेत परिवहन करने वाले ट्रैक्टरों के खिलाफ जल्द कार्रवाई की जाएगी। पुलिस टीम को निगरानी के निर्देश दिए गए हैं। हालांकि, ग्रामीणों का कहना है कि इस तरह के बयान पहले भी कई बार दिए जा चुके हैं, लेकिन धरातल पर कोई ठोस बदलाव नहीं दिखा।