Budget Session: विधानसभा के बजट सत्र में शुक्रवार को प्रधानमंत्री आवास योजना का मुद्दा प्रमुखता से उठा। इसे लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और डिप्टी सीएम विजय शर्मा के बीच आंकड़ों को बहस भी देखने को मिली। बघेल ने सरकार के ही आंकड़ों के हवाले से कहा, पिछली कांग्रेस सरकार में भी पीएम आवास बने हैं और काम हुआ है। इस मुद्दे पर विपक्ष आक्रमक नजर आया और डिप्टी सीएम के जवाब से असंतुष्ट होकर विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया।
प्रश्नकाल में पूर्व सीएम ने वर्ष 2019 से वर्षवार पीएम आवास योजना के स्वीकृत और पूर्ण व अपूर्ण आवासों के आंकड़ा को पड़ा। उन्होंने कहा, विधायक पुन्नूलाल मोहले ने भी पीएम आवास को लेकर सवाल पूछे थे। हम दोनों के जवाब में भारी अंतर है। दो सदस्यों को अलग-अलग जानकारी क्यों दी गई है। डिप्टी सीएम ने कहा, विधायक मोहले को जो जानकारी उपलब्ध कराई गई है, वह वित्तीय आंकड़ा है। आपने वर्षवार जानकारी मांगी थी। लिहाजा वर्षवार आंकड़ा और जानकारी आपको उपलब्ध कराई गई है।
मंत्री के जवाब के बाद पूर्व सीएम बघेल ने पूछा कि प्रदेश में 18 लाख गरीबों को आशियाना देने की बात कही गई थी। 18 लाख नए आवास बनाए जाएंगे या फिर पूर्व में जो काम अधूरा रह गया है उसे इसमें शामिल किया जाएगा। डिप्टी सीएम ने इसके जवाब में कांग्रेस सरकार को घेरने का प्रयास किया, तो हंगामा शुरू हो गया है। इस बीच प्रश्नकाल समाप्त हो गया और विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया।
विधानसभा में डिप्टी सीएम अरुण साव के विभागों के लिए 15,386 करोड़ 42 लाख 47 हजार रुपए की अनुदान मांगे पारित की गई। इससे पहले डिप्टी सीएम साव ने कहा, पिछली सरकार के मुखिया गेडी के ब्रांड एम्बेसडर थे। छत्तीसगढ़ में 5 साल एक भी सड़क नहीं बना पाने वाले, एक सड़क को रिपेयर नहीं कर पाने वाले भूपेश बघेल असल में छत्तीसगढ़ की सड़कों को कीचड़ में तब्दील कर देने की स्थिति में थे। इसलिए लोगों को गेड़ी में चलना सिखा रहे थे।
जैसा पुराने जमाने में छत्तीसगढ़ के लोग कीचड़ से बचने गेड़ी का प्रयोग करते थे। अपने बजट भाषण में एक-एक कर विपक्ष के सभी नेताओं को जवाब देते हुए डिप्टी सीएम ने कहा, हम विकास के लिए राजनीति करते हैं, विकास में राजनीति नहीं करते। उन्होंने अपने विभागीय बजट पर कहा, ये लोक निर्माण से छत्तीसगढ़ निर्माण वाला बजट है। छत्तीसगढ़ की सड़कें सिर्फ सड़क नहीं बल्कि विकास का पहिया है।
विधानसभा में डिप्टी सीएम ने स्पीकर से प्रश्न काल का समय बढ़ाने की भी मांग की। इस मुद्दे पर वो घिरते भी नजर आए। इस पर बघेल लगातार मांग करते रहे हैं कि चूकिं ट्रेजरी बेंच ने समय बढ़ाने का आग्रह किया है ते समय बढ़ाकर पूरी चर्चा करा ली जाए, लेकिन आसंदी ने कोई व्यवस्था नहीं दी।
Published on:
08 Mar 2025 10:19 am