धान पंजीयन रद्दीकरण की गति तेज! 12 हजार हेक्टेयर का पंजीयन निरस्त, बोगस खरीदी रोकने प्रशासन हुआ सतर्क(photo-patrika)
Dhan Kharidi: छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में प्रशासन के लाख प्रयास के बाद भी हर वर्ष जिले में बोगस धान खरीदी का मामला सामने आता ही है, पिछले वर्ष भी आधा दर्जन समितियों पर कार्रवाई की गई थी। जिसको देखते हुए इस बार फिर से बोगस खरीदी को रोकने के लिए प्रशासन सत दिख रहा है।
एग्रीटेक में पंजीयन के पूर्व ही एक तरफ जहां 1623 खसरे नंबर का पंजीयन रोक दिया गया तो वहीं दूसरी ओर पिछले वर्ष पंजीयन करा चुके किसानो के रकबे का सत्यापन करने के बाद 12 हजार हेक्टेयर का पंजीयन निरस्त कर दिया गया है।
धान खरीदी शुरू होने के पूर्व भू-अभिलेख कार्यालय द्वारा पटवारियों के माध्यम से कराए गए गिरदावरी रिपोर्ट का पहली बार भौतिक सत्यापन किया जा रहा है। इस भौतिक सत्यापन में अब तक 1623 नंबर ऐसा मिला है जहां मौके पर धान का फसल नहीं था और गिरदावरी रिपोर्ट में धान दिखा दिया गया था।
ऐसे खसरें नंबर को चिन्हांकित कर पंजीयन के लिए रोक दिया गया है। इन खसरों का अब एग्री टेक में पंजीयन नहीं होगा। इसके अलावा खाद्य विभाग, अपैक्स व सहकारिता विभाग के माध्यम से पिछले वर्ष में पंजीकृत किसानों के रकबे का भी भौतिक सत्यापन किया जा रहा है।
पिछले वर्ष के ऐसे पंजीकृत किसान जिन्होने पंजीयन तो कराया था, लेकिन धान का विक्रय नहीं किया ऐसे रकबे का भौतिक सत्यापन किया जा रहा है जिसमें कई भूमि पड़त भूमि मिल रही है तो कई भूमि में उत्पादन कम मिल रहा है। पड़त भूमि का भी पिछले बार पंजीयन कर दिया गया था जिसमें गिरदावरी में धान दिखाया गया था। अब तक ऐसे 12 हजार हेक्टेयर भूमि का पंजीयन निरस्त कर दिया गया है और उक्त भूमि का पंजीयन इस बार भी नहीं होगा।
एग्री टेक में पंजीकृत किसान - 72439
एग्रीटेक में अब तक पंजीकृत नहीं हुआ - 98
एग्रीटेक में पंजीकृत किसानों की व्यक्तिगत जानकारी प्राप्त - 71948
एग्रीटेक में पंजीकृत किसानों की व्यक्तिगत जानकारी प्राप्त - 393
इस वर्ष किए गए गिरदावरी में से खाद्य विभाग को 32 हजार 96 ख435 खसरे नंबर का भौतिक सत्यापन करने के लिए निर्देश 2 दिया गया था, जिसमें से अब तक 7 हजार 835 खसरे नंबर का सत्यापन किया गया है जिसमें से 623 में धान नहीं मिला। शेष 5129 खसरे नंबर का भौतिक सत्यापन किया जाना शेष है जिसमें और भी ऐसे प्रकरण सामने आ सकता है।
पिछले वर्ष जिले में करीब किसानों के लिए 1 लाख 27 हजार 36 हेक्टेयर भूमि का पंजीकरण धान की खरीद फरोख्त के लिए किया गया था। इसमें 98 हजार 53 हेक्टेयर धान की बिक्री की गई। 28 हजार 983 हेक्टेयर भूमि में धान का भुगतान नहीं किया गया, यह रकबा रिक्त रखा जा रहा है। से 11946 में हेक्टेयर का पंजीयन निरस्त किया गया है।
Updated on:
13 Oct 2025 04:21 pm
Published on:
13 Oct 2025 04:19 pm
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