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Cyclone Montha: मोंथा चक्रवात का तगड़ा असर! 1 नवंबर से भारी बारिश की संभावना, IMD ने दी चेतावनी!

Cyclone Montha: मोंथा चक्रवात के असर से जिले में पिछले तीन दिनों से रुक-रुक कर बारिश हो रही है। इस बेमौसम बरसात से धान और टमाटर की फसलें खराब होने लगी हैं।

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मोंथा चक्रवात का तगड़ा असर (photo source- Patrika)

मोंथा चक्रवात का तगड़ा असर (photo source- Patrika)

Cyclone Montha: माेंथा चक्रवात का असर विगत तीन दिनों से जिले में दिखने को मिल रहा है। इसके चलते रूक-रूक कर हो रही बारिश से जहां धान फसल को नुकसान हो रहा है तो वहीं टमाटर फसल भी खराब होने की भय सताने लगा है। इसको लेकर किसानों की चिंता बढ़ गई है। बंगाल की खाड़ी से उठे मोंथा चक्रवात का असर जिले में अभी तक बादल छाया हुआ था, लेकिन विगत तीन दिनों से अब हवा के साथ रूक-रूक कर बारिश भी शुरू हो रही है।

Cyclone Montha: हो सकती है हल्की से मध्यम वर्षा

अब इसका असर फसलों पर भी दिखाई देने लगा है। इससे किसानों की परेशानी बढ़ गई है। किसानों का मानना है कि जल्द मौसम साफ नहीं होता है तो धान फसल तो चौपट होगा ही साथ ही टमाटर फसल भी खराब हो जाएंगे। इधर मौसम विभाग की माने तो मोंथा चक्रवात निम्न दाब के रूप में पूर्वी विदर्भ और उससे लगे दक्षिण छत्तीसगढ़ के ऊपर स्थित है, जो उत्तर पश्चिम दिशा में आगे बढ़ रहा है। इसके साथ ही ऊपरी हवा का चक्रवाती परिसंचरण 7.6 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है।

इसके चलते आगे बढ़ते हुए पूर्वी मध्य प्रदेश और उससे लगे उत्तर छत्तीसगढ़ की ओर गमन करते हुए निम्न दाब के रूप में अगले 24 घंटे में परिवर्तित होने की संभावना है। इससे शुक्रवार को जिले में हल्की से मध्यम वर्षा व गरज चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। इससे जिले के कुछ क्षेत्रों में भारी वर्षा भी हो सकती है। बताया जा रहा है कि मोंथा चक्रवात लगातार कमजोर हो रहा है। इससे वर्षा की संभावना बढ़ रही है। 1 नवंबर को जिले के अधिकांश भाग में हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है।

टमाटर फसल को ज्यादा नुकसान

इस साल जिले के किसानों ने भारी मात्रा में टमाटर की खेती किए हैं। अब इसमें फल भी आना शुरू हो गया है, लेकिन बेमौसम बरसात टमाटर फसल को काफी नुकसान पहुंचाएगा। जब से बादलों का दौर चल रहा है, तब से किसान लगातार दवा का छिड़काव कर रहे हैं, लेकिन बारिश होते ही दवा धूल जा रही है। इससे कीड़े भी लग जाएंगे और जिसमें फल आने शुरू हो रहे हैं, उसका फुल गिरने लगे हैं। इससे पैदावार में 30 से 40 फीसदी की कमी आने की बात कही जा रही है। सप्ताहभर मौसम बना रहा तो इसके जड़ में भी कीड़ लगने शुरू हो जाएंगे।

पिछडे़गी आलू खेती

बारिश बंद होने के बाद किसान आलू खेती के लिए लगातार खेतों को तैयार करने में जुट गए थे। वहीं कई किसान रोपाई भी शुरू कर दिए थे, लेकिन बरसात के चलते जहां खेतों की मिट्टी गिली होकर बैठने लगा है। वहीं जिनके द्वारा आलू रोपाई किया गया है। उसके बीज खराब होने का भय सताने लगा है। खेतों में अधिक नमी होने के कारण मिट्टी के अंदर ही आलू बीज खराब हो जाएगा। इससे अब दोबारा जोताई कर रोपाई करना पडे़गा।

Cyclone Montha: किसानों की मानें तो इस साल अच्छी बारिश होने से ज्यादातर किसान धान अर्ली फसल लगाए थे, जो अब पक कर पूरी तरह से तैयार हो चुकी है। कुछ किसान करीब 10 दिन पहले से ही उसकी कटाई शुरू कर दिए थे, जिससे ज्यादातर फसल कटने के बाद खेतों में ही हैं। मोंथा चक्रवात को देखते हुए कई किसान हार्वेस्टर से धान काटने की तैयारी में लगे थे, लेकिन रूक-रूक कर हो रही बारिश से खेत गिला होने पर हार्वेस्टर नहीं चल रहा है। इससे अब तैयार फसल भी खराब होने लगी है।

कुछ धान फसल की अभी बाली आनी शुरू हुई है। इससे चल रहे हवा-पानी के चलते उक्त फसल गिरने लगे हैं। किसानों का कहना है कि जो फसल हवा से गिर रहा है। वह लगभग पूरी तरह से खराब हो जाएगा। फसल में कीडे़ के साथ नमी से पका हुआ धान अंकुरित हो जाएगा और जिस फसल से बाली निकलना शुरू हुआ है उसका दाना कमजोर हो जाएगा। इससे पैदवार में कमी आएगी। जल्द मौसम साफ होता है तो पहले तैयार धान फसल की कटाई की जाएगी, ताकि कम से कम नुकसान का सामना करना पड़े।