रायबरेली के चर्चित हरिओम वाल्मीकि हत्याकांड में पुलिस का बड़ा अभियान जारी, फरार आरोपियों पर 25-25 हजार रुपये इनाम की तैयारी (फोटो सोर्स : X)
Hariom Valmiki Murder Case: जिले में सनसनी फैलाने वाले हरिओम वाल्मीकि हत्याकांड में पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। इस मामले में अब तक 12 आरोपी जेल भेजे जा चुके हैं, जबकि 8 मुख्य आरोपी अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। फरार आरोपियों की धरपकड़ के लिए पुलिस की टीमें न केवल पड़ोसी जिलों बल्कि दूसरे राज्यों में भी दबिश दे रही हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने अब इन फरार आरोपियों पर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित करने की तैयारी शुरू कर दी है। सूत्रों के मुताबिक, शासन को इस संबंध में रिपोर्ट भेजी जा चुकी है और आदेश जल्द जारी होने की संभावना है।
यह घटना 1 अक्टूबर की रात की है, जब रायबरेली के फतेहपुर जनपद निवासी हरिओम वाल्मीकि की भीड़ ने “चोर समझकर” पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। यह दिल दहला देने वाली वारदात गदागंज थाना क्षेत्र के मखदूमपुर गांव में हुई थी। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हरिओम उस रात किसी काम से गांव से गुजर रहा था। कुछ लोगों ने उसे संदिग्ध समझ लिया और बिना कुछ पूछे हमला कर दिया। कुछ ही मिनटों में भीड़ ने उसे इतना पीटा कि मौके पर ही उसकी मौत हो गई। मामले के तूल पकड़ने पर पुलिस ने कार्रवाई तेज की और हत्या, मारपीट, दंगा फैलाने और साक्ष्य मिटाने की धाराओं में केस दर्ज किया।
इन सभी पर हत्या, गैर इरादतन हत्या, भीड़ हिंसा और कानून व्यवस्था भंग करने के आरोप लगाए गए हैं। पुलिस ने कोर्ट में इनके खिलाफ मजबूत चार्जशीट दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
पुलिस की गिरफ्त से अब भी आठ आरोपी फरार हैं। विभागीय सूत्रों के अनुसार, इन सभी की पहचान कर ली गई है, लेकिन उनके नाम और पते गोपनीय रखे गए हैं ताकि कार्रवाई पर असर न पड़े। एसओजी और ऊंचाहार पुलिस की विशेष टीमें फरार आरोपियों की तलाश में जुटी हैं। बताया जा रहा है कि कुछ आरोपी सुल्तानपुर, प्रतापगढ़ और फतेहपुर जिलों में छिपे हो सकते हैं, जबकि कुछ बिहार और मध्य प्रदेश में शरण लिए हुए हैं। सीओ डलमऊ गिरजा शंकर त्रिपाठी ने बताया कि फरार आरोपियों पर इनाम घोषित करने की तैयारी चल रही है। “जिन पर गिरफ्तारी नहीं हो सकी है, उन पर 25-25 हजार रुपये का इनाम देने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। जल्द ही यह आदेश जारी कर दिया जाएगा,” उन्होंने कहा।
हरिओम वाल्मीकि के परिजन अब भी गहरे सदमे में हैं। उनका कहना है कि “हरिओम निर्दोष था। वह किसी गलत काम में शामिल नहीं था। उसे चोर समझकर बेगुनाह मार दिया गया। परिवार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मुलाकात कर त्वरित न्याय और मुआवजा की मांग की थी। राज्य सरकार ने पीड़ित परिवार को पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है, लेकिन परिवार का कहना है कि “जब तक सभी अपराधी गिरफ्तार नहीं होते, तब तक न्याय अधूरा है।”
पुलिस अब किसी भी कीमत पर फरार आरोपियों को पकड़ना चाहती है। रायबरेली पुलिस ने इसके लिए राज्य के अन्य जिलों की पुलिस से भी समन्वय स्थापित किया है। एसपी आलोक प्रियदर्शी ने बताया, “हम हर दिशा में जांच कर रहे हैं। जिनकी लोकेशन दूसरे राज्यों में मिली है, वहां की पुलिस को भी सूचना भेज दी गई है। जल्द ही सभी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, फरार आरोपियों के बैंक खातों, मोबाइल लोकेशन और रिश्तेदारों के संपर्कों की निगरानी की जा रही है।
हरिओम वाल्मीकि की हत्या ने न सिर्फ रायबरेली बल्कि पूरे प्रदेश को झकझोर दिया। दलित संगठनों और विपक्षी दलों ने इस मामले में सरकार की कार्रवाई पर सवाल उठाए थे। बसपा और कांग्रेस नेताओं ने इसे दलित उत्पीड़न से जोड़कर आंदोलन की चेतावनी दी थी। वहीं, सत्तारूढ़ दल ने इसे “कानूनी कार्रवाई का नतीजा” बताते हुए कहा कि “दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।” राजनीतिक दबाव के बाद ही पुलिस ने ताबड़तोड़ गिरफ्तारियां की और अब बाकी आरोपियों पर इनाम घोषित करने की तैयारी है।
घटना के बाद से मखदूमपुर गांव और आसपास के इलाकों में भय और तनाव का माहौल बना हुआ है। कई ग्रामीणों ने बताया कि “उस रात जो हुआ, वह इंसानियत को शर्मसार करने वाला था। भीड़ ने बिना सोचे-समझे जान ले ली।”पुलिस ने इलाके में शांति बनाए रखने के लिए गश्त बढ़ा दी है और संवेदनशील गांवों में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
सीओ डलमऊ गिरजा शंकर त्रिपाठी ने कहा कि जांच में किसी भी स्तर पर ढिलाई नहीं बरती जाएगी। “जिन लोगों ने निर्दोष की हत्या की है, वे जल्द सलाखों के पीछे होंगे। फरार अभियुक्तों के खिलाफ लुकआउट नोटिस और संपत्ति कुर्की की कार्रवाई भी की जाएगी।”
Published on:
12 Oct 2025 09:31 pm
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