फोटो- पत्रिका नेटवर्क
Rajasthan New: जोधपुर के भोपालगढ़ थाना क्षेत्र में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें भाजपा के मंडल महामंत्री हेमंत शर्मा को पुलिस ने कथित तौर पर हिरासत में लेकर मारपीट की और रातभर थाने में बंद रखा। इस घटना का कारण हेमंत शर्मा द्वारा फेसबुक पर भोपालगढ़ पुलिस की कार्यशैली के खिलाफ की गई टिप्पणियां बताई जा रही हैं।
इस मामले ने तूल पकड़ लिया है, जिसके बाद पुलिस अधीक्षक ने भोपालगढ़ थाने के एक ASI और एक हेड कांस्टेबल को लाइन हाजिर कर दिया। साथ ही, भाजपा नेताओं ने डिप्टी भूराराम खिलेरी को हटाने की मांग की है।
जानकारी के अनुसार, भोपालगढ़ पुलिस ने हेमंत शर्मा को उनके फेसबुक पोस्ट के आधार पर हिरासत में लिया। हेमंत ने भोपालगढ़ पुलिस की कार्यप्रणाली और एक मर्डर मामले में हुई गिरफ्तारियों को लेकर गलत तथ्य शेयर करने का आरोप लगाया गया। पुलिस का कहना है कि पूछताछ के दौरान हेमंत शर्मा ने पुलिस से उलझने की कोशिश की, जिसके चलते उन्हें शांति भंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
हालांकि, भाजपा नेताओं का आरोप है कि हेमंत को थाने में ले जाकर उनके साथ मारपीट की गई और पूरी रात हिरासत में रखा गया।
इस घटना की जानकारी मिलते ही भाजपा देहात के जिला अध्यक्ष त्रिभुवन सिंह भाटी ने तुरंत भोपालगढ़ थानाधिकारी से संपर्क किया। थानाधिकारी ने जवाब दिया कि शांति भंग की रिपोर्ट के कारण हेमंत को जमानत करवानी होगी। इससे नाराज भाटी शनिवार को अपने कार्यकर्ताओं के साथ भोपालगढ़ थाने पहुंचे और पुलिस की कार्यशैली के खिलाफ जमकर रोष जताया।
भाटी ने आरोप लगाया कि डिप्टी भूराराम खिलेरी जानबूझकर भाजपा कार्यकर्ताओं को निशाना बना रहे हैं, जबकि फेसबुक पर कई लोगों ने पुलिस के खिलाफ लिखा, लेकिन सिर्फ हेमंत को ही टारगेट किया गया। इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया, जिसमें भाटी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भोपाल सिंह लखावत को खरी-खोटी सुनाते नजर आए।
वीडियो में भाटी कहते हैं कि हमारी पार्टी की सरकार है, फिर भी हमारे पदाधिकारी को पीटा जा रहा है। यह बर्दाश्त नहीं होगा। मैं इसकी शिकायत मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा और डीजीपी से करूंगा। उन्होंने मांग की कि हेमंत के साथ मारपीट करने वाले पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई की जाए और यह स्पष्ट किया जाए कि उन्हें किस अपराध में हिरासत में लिया गया।
भाजपा नेताओं के विरोध और मामले के तूल पकड़ने के बाद ग्रामीण पुलिस अधीक्षक नारायण टोगस ने त्वरित कार्रवाई की। उन्होंने भोपालगढ़ थानाधिकारी को मौखिक निर्देश दिए, जिसके बाद एएसआई प्रेमाराम और हेड कांस्टेबल दिलीप को तुरंत लाइन हाजिर कर दिया गया। टोगस ने बताया कि मर्डर मामले की जांच के दौरान कुछ आरोपियों की गिरफ्तारी हुई थी, जिसके संबंध में हेमंत शर्मा ने सोशल मीडिया पर गलत तथ्य शेयर किए।
पूछताछ के दौरान उनके द्वारा पुलिस से उलझने के कारण शांति भंग की धाराओं में गिरफ्तारी की गई थी। हालांकि, मारपीट के आरोपों की जांच के बाद दोनों पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर किया गया है।
Published on:
19 Oct 2025 04:15 pm
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