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अंता उपचुनाव: कौन हैं मोरपाल सुमन? जिन्हें BJP ने बनाया उम्मीदवार, टिकट से पहले हुए थे ठगी का शिकार

Anta Assembly By-election: राजस्थान के बारां जिले की अंता विधानसभा सीट पर उपचुनाव की सरगर्मियां तेज हो गई हैं। बीजेपी ने इस उपचुनाव के लिए मोरपाल सुमन को अपना प्रत्याशी घोषित किया है।

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Morpal Suman
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पत्रिका फाइल फोटो

Anta Assembly By-election: राजस्थान के बारां जिले की अंता विधानसभा सीट पर उपचुनाव की सरगर्मियां तेज हो गई हैं। बीजेपी ने इस उपचुनाव के लिए मोरपाल सुमन को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। स्थानीय स्तर पर पहचान रखने वाले और माली समाज से ताल्लुक रखने वाले मोरपाल सुमन को पार्टी ने जातिगत समीकरणों और उनकी जनसेवक छवि के आधार पर टिकट दिया है।

दूसरी ओर, कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया को मैदान में उतारा है, जबकि नरेश मीणा निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे में अंता में त्रिकोणीय मुकाबले की संभावना प्रबल हो गई है। मतदान 11 नवंबर को होना है, और तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं।

कौन हैं मोरपाल सुमन?

मोरपाल सुमन वर्तमान में बारां पंचायत समिति के प्रधान हैं। उन्होंने दिसंबर 2021 में हुए पंचायत राज चुनाव में जीत हासिल की और जनवरी 2022 में प्रधान का पद संभाला। उनकी पत्नी नटी बाई भी वर्तमान में सरपंच के रूप में कार्यरत हैं। मोरपाल सुमन माली समाज से आते हैं, जिसकी अंता क्षेत्र में अच्छी-खासी आबादी और राजनीतिक प्रभाव है।

बीजेपी ने उनकी स्थानीय पहचान, जमीन से जुड़ाव और साफ-सुथरी छवि को देखते हुए उन्हें टिकट दिया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने पहले ही संकेत दिए थे कि अंता से एक लो-प्रोफाइल और जनता के बीच लोकप्रिय चेहरे को मौका दिया जाएगा। मोरपाल सुमन इस कसौटी पर खरे उतरते हैं।

वसुंधरा राजे के नजदीकी

मोरपाल सुमन को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का करीबी माना जाता है। अंता के सियासी समीकरणों में सैनी समाज का खासा प्रभाव है और मोरपाल सैनी समाज से ही ताल्लुक रखते हैं। टिकट के लिए प्रभुलाल सैनी भी दावेदार थे, लेकिन बीजेपी ने स्थानीय फीडबैक और जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखते हुए मोरपाल सुमन को चुना। पार्टी का मानना है कि सुमन की छवि और माली समाज का समर्थन अंता में जीत की राह आसान कर सकता है।

टिकट से पहले ठगी का शिकार

बताते चलें कि टिकट के ऐलान से पहले मोरपाल सुमन के साथ एक अजीबोगरीब घटना घटी। चार दिन पहले उनके पास एक फोन कॉल आया, जिसमें कॉलर ने खुद को दिल्ली बीजेपी मुख्यालय का पदाधिकारी बताया। उसने दावा किया कि मोरपाल को अंता उपचुनाव के लिए टिकट मिल गया है और नामांकन दस्तावेज तैयार करने के लिए 38 हजार रुपये जमा करने होंगे।

टिकट की खुशी में मोरपाल ने अपने बेटे की मदद से राशि बताए गए बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी। बाद में, बारां बीजेपी जिला अध्यक्ष नरेश सिंह सिकरवार को इसकी जानकारी देने पर ठगी का खुलासा हुआ। सिकरवार ने बताया कि ठगों ने उन्हें भी फोन कर संभावित प्रत्याशियों के नाम और नंबर मांगे थे। मोरपाल ने तुरंत साइबर पोर्टल पर शिकायत दर्ज की, जिसके बाद बैंक ने राशि को होल्ड कर दिया।

त्रिकोणीय मुकाबले की स्थिति

अंता उपचुनाव में अब त्रिकोणीय मुकाबले के आसार हैं। बीजेपी के मोरपाल सुमन स्थानीय स्तर पर अपनी मजबूत पकड़ और माली समाज के समर्थन के साथ मैदान में हैं। कांग्रेस ने अपने कद्दावर नेता प्रमोद जैन भाया को उतारा है। वहीं, कांग्रेस से टिकट न मिलने पर नरेश मीणा ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन किया है, जिससे मुकाबला और रोचक हो गया है। तीनों उम्मीदवारों की अपनी-अपनी ताकत है।

अंता में वोटरों का आंकड़ा

अंता विधानसभा क्षेत्र में कुल 2,27,563 वोटर हैं। ड्राफ्ट वोटर लिस्ट के मुताबिक, इसमें 1,15,982 पुरुष, 1,10,241 महिला और 4 अन्य वोटर शामिल थे। हाल ही में हुए वोटर लिस्ट अपडेशन अभियान में 1,336 नए वोटर जोड़े गए। 1 अक्टूबर को अंतिम वोटर लिस्ट प्रकाशित की गई थी।