पचमढ़ी से लगभग 19 किलोमीटर की पदयात्रा कर नागद्वारी गुफा तक जाने के लिए श्रद्धालुओं की पदयात्रा का समापन नागपंचमी पर हुआ।
यह यात्रा सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के कोर एरिया के घने जंगलों से होकर पूरी होती है।
इस बीच मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के अलग-अलग जिलों से आए लाखों श्रद्धालुओं ने शेषनाग देवता का पूजन किया।
10 दिन चलने वाले मेले को 16 सेक्टरों में विभाजित कर सैकड़ों अधिकारी, कर्मचारी और पुलिस जवानों को तैनात किया गया था।
इस यात्रा में कई स्थानों पर श्रद्धालुओं को चट्टानों पर लगाई गई लोहे की सीढ़ी से उतरकर खाई को पार करना पड़ता है।
पचमढ़ी के नागफनी, जलगली से शुरू होने वाली से पदयात्रा में श्रद्धालुओं को सात पर्वतों को पार कर नागमंदिर तक पहुंचाना पढ़ता है।
जंगल में जगह जगह श्रद्धालुओं के लिए ठहरने सहित सभी मूलभूत सुविधाएं दी गई। मेले के संचालन के लिए पचमढ़ी तहसील में कंट्रोल बनाया गया है।