तेज प्रताप यादव Photo-IANS)
बिहार चुनाव 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों का ऐलान होते ही राज्य की सियासत में हलचल तेज हो गई है। अब हर पार्टी ने अपनी कमर कस ली है, तो वहीं लालू परिवार में भी नई राजनीतिक चुनौती खड़ी हो गई है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के मुखिया लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने सोमवार को ऐलान किया है कि वे अपनी नई पार्टी ‘जनशक्ति जनता दल (JJD)’ के बैनर तले चुनावी मैदान में उतरेंगे।
तेज प्रताप यादव ने कहा कि उनकी पार्टी 8 अक्टूबर को अपने उम्मीदवारों की घोषणा करेगी और पूरी ताकत के साथ बिहार चुनाव में उतरने जा रही है। तेज प्रताप का यह कदम न सिर्फ RJD बल्कि उनके छोटे भाई तेजस्वी यादव के लिए भी एक बड़ी राजनीतिक चुनौती के रूप में देखा जा रहा है।
राजद से अलग होने के बाद तेज प्रताप यादव ने पिछले कुछ महीनों से लगातार राजनीतिक जमीन तैयार की है। उन्होंने पहले “टीम तेज प्रताप” बनाई, फिर छह दलों से गठबंधन कर जनशक्ति जनता दल (JJD) की स्थापना की। अब बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही उन्होंने अपनी रणनीति स्पष्ट कर दी है।
मीडियाकर्मियों से बातचीत में तेज प्रताप यादव ने कहा, “चुनाव तो होना ही है। हम अपने जनशक्ति जनता दल की तरफ से इस लड़ाई को लड़ेंगे। जनता हमारे साथ है और हम पूरी ताकत से मैदान में उतरेंगे।”उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी 8 अक्टूबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उम्मीदवारों की घोषणा करेगी।
तेज प्रताप यादव पहले ही साफ कर चुके हैं कि वे महुआ विधानसभा सीट से दोबारा चुनाव लड़ेंगे। यही सीट है जिससे उन्होंने 2015 में जीत हासिल की थी। इस बार हालांकि मुकाबला दिलचस्प हो सकता है क्योंकि RJD से अलग होकर चुनाव लड़ने का मतलब होगा कि यादव परिवार का वोट बैंक दो हिस्सों में बंट सकता है। तेज प्रताप का यह कदम महागठबंधन, खासकर RJD के लिए सिरदर्द साबित हो सकता है। उनका वोट शेयर भले छोटा हो, लेकिन उनकी उपस्थिति कई सीटों पर समीकरण बिगाड़ सकती है।
तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव के बीच लंबे समय से मतभेद की खबरें आती रही हैं। तेज प्रताप कई बार सार्वजनिक मंचों पर अपने छोटे भाई की नेतृत्व शैली पर सवाल उठा चुके हैं। RJD से निकाले जाने के बाद उन्होंने कहा था, “मैं किसी की कठपुतली नहीं हूँ। मैं जनता के लिए राजनीति करता हूँ, कुर्सी के लिए नहीं।” अब जब बिहार चुनाव नजदीक है, तेज प्रताप की सक्रियता ने RJD के अंदर और बाहर दोनों जगह हलचल बढ़ा दी है।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सोमवार की शाम को बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा की। जिसके अनुसार चुनाव दो चरणों में आयोजित किए जाएंगे। चुनाव की घोषित इन तारीखों के साथ ही बिहार की सियासी हवा गरम हो चुकी है। जहां एक ओर NDA और महागठबंधन अपने प्रत्याशियों के नामों को अंतिम रूप देने में जुटे हैं, वहीं तेज प्रताप का नया मोर्चा “जनशक्ति जनता दल” तीसरे मोर्चे की सुगबुगाहट को और तेज कर सकता है।
बीते महीनों में तेज प्रताप यादव लगातार अलग-अलग जिलों में दौरे करते नजर आए। उन्होंने जनसभा, युवा सम्मेलन और कार्यकर्ता मीटिंग्स के जरिए संगठन मजबूत करने का काम किया। तेज प्रताप का कहना है कि वे “साफ-सुथरी राजनीति” और “युवाओं की आवाज़” को मंच देना चाहते हैं। उन्होंने कहा, 'राजनीति में अब नया अध्याय शुरू होगा। अब जनता के फैसले को कोई नजरअंदाज नहीं कर सकेगा। मेरी पार्टी आम लोगों की आवाज़ बनेगी।'
माना जा रहा है कि तेज प्रताप यादव का यह कदम RJD के लिए सीधे तौर पर राजनीतिक नुकसान साबित हो सकता है। लालू परिवार की छवि पर भी इसका असर पड़ना तय है। वहीं, भाजपा और जदयू इस विभाजन को “वोट कटवा फैक्टर” के रूप में अपने फायदे में भुनाने की कोशिश कर सकती हैं। बिहार की राजनीति में हमेशा से ही यादव परिवार की भूमिका अहम रही है। अब जब तेजस्वी और तेज प्रताप आमने-सामने दिख रहे हैं, तो 2025 का यह चुनाव सिर्फ सत्ता की नहीं, बल्कि परिवार की साख और भविष्य की राजनीति की लड़ाई बन चुका है।
Updated on:
07 Oct 2025 01:17 pm
Published on:
07 Oct 2025 01:16 pm
बड़ी खबरें
View Allपटना
बिहार न्यूज़
ट्रेंडिंग