Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

बिहार चुनाव 2025: तेजस्वी के सामने अब भाई तेज प्रताप की चुनौती, इस दिन करेंगे अपनी पार्टी के उम्मीदवारों का ऐलान

बिहार चुनाव 2025: बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है। अब सभी पार्टियाँ अपने उम्मीदवारों की सूची जारी करेंगी। आम आदमी पार्टी ने अपने 11 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। जल्द ही अन्य पार्टियाँ भी ऐसा ही करेंगी। तेज प्रताप यादव ने भी घोषणा की है कि वे 8 अक्टूबर को अपने उम्मीदवारों की घोषणा करेंगे।

3 min read

पटना

image

Anand Shekhar

Oct 07, 2025

Tej Pratap Yadav

तेज प्रताप यादव Photo-IANS)

बिहार चुनाव 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों का ऐलान होते ही राज्य की सियासत में हलचल तेज हो गई है। अब हर पार्टी ने अपनी कमर कस ली है, तो वहीं लालू परिवार में भी नई राजनीतिक चुनौती खड़ी हो गई है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के मुखिया लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने सोमवार को ऐलान किया है कि वे अपनी नई पार्टी ‘जनशक्ति जनता दल (JJD)’ के बैनर तले चुनावी मैदान में उतरेंगे।

तेज प्रताप यादव ने कहा कि उनकी पार्टी 8 अक्टूबर को अपने उम्मीदवारों की घोषणा करेगी और पूरी ताकत के साथ बिहार चुनाव में उतरने जा रही है। तेज प्रताप का यह कदम न सिर्फ RJD बल्कि उनके छोटे भाई तेजस्वी यादव के लिए भी एक बड़ी राजनीतिक चुनौती के रूप में देखा जा रहा है।

नई पार्टी, नया दांव

राजद से अलग होने के बाद तेज प्रताप यादव ने पिछले कुछ महीनों से लगातार राजनीतिक जमीन तैयार की है। उन्होंने पहले “टीम तेज प्रताप” बनाई, फिर छह दलों से गठबंधन कर जनशक्ति जनता दल (JJD) की स्थापना की। अब बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही उन्होंने अपनी रणनीति स्पष्ट कर दी है।

मीडियाकर्मियों से बातचीत में तेज प्रताप यादव ने कहा, “चुनाव तो होना ही है। हम अपने जनशक्ति जनता दल की तरफ से इस लड़ाई को लड़ेंगे। जनता हमारे साथ है और हम पूरी ताकत से मैदान में उतरेंगे।”उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी 8 अक्टूबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उम्मीदवारों की घोषणा करेगी।

महुआ सीट से दोबारा किस्मत आजमाएंगे तेज प्रताप

तेज प्रताप यादव पहले ही साफ कर चुके हैं कि वे महुआ विधानसभा सीट से दोबारा चुनाव लड़ेंगे। यही सीट है जिससे उन्होंने 2015 में जीत हासिल की थी। इस बार हालांकि मुकाबला दिलचस्प हो सकता है क्योंकि RJD से अलग होकर चुनाव लड़ने का मतलब होगा कि यादव परिवार का वोट बैंक दो हिस्सों में बंट सकता है। तेज प्रताप का यह कदम महागठबंधन, खासकर RJD के लिए सिरदर्द साबित हो सकता है। उनका वोट शेयर भले छोटा हो, लेकिन उनकी उपस्थिति कई सीटों पर समीकरण बिगाड़ सकती है।

RJD और लालू परिवार के लिए नई चुनौती

तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव के बीच लंबे समय से मतभेद की खबरें आती रही हैं। तेज प्रताप कई बार सार्वजनिक मंचों पर अपने छोटे भाई की नेतृत्व शैली पर सवाल उठा चुके हैं। RJD से निकाले जाने के बाद उन्होंने कहा था, “मैं किसी की कठपुतली नहीं हूँ। मैं जनता के लिए राजनीति करता हूँ, कुर्सी के लिए नहीं।” अब जब बिहार चुनाव नजदीक है, तेज प्रताप की सक्रियता ने RJD के अंदर और बाहर दोनों जगह हलचल बढ़ा दी है।

बिहार चुनाव की तारीखें और समीकरण

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सोमवार की शाम को बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा की। जिसके अनुसार चुनाव दो चरणों में आयोजित किए जाएंगे। चुनाव की घोषित इन तारीखों के साथ ही बिहार की सियासी हवा गरम हो चुकी है। जहां एक ओर NDA और महागठबंधन अपने प्रत्याशियों के नामों को अंतिम रूप देने में जुटे हैं, वहीं तेज प्रताप का नया मोर्चा “जनशक्ति जनता दल” तीसरे मोर्चे की सुगबुगाहट को और तेज कर सकता है।

  • पहला चरण: 6 नवंबर 2025
  • दूसरा चरण: 11 नवंबर 2025
  • मतगणना: 14 नवंबर 2025

तेज प्रताप का मिशन

बीते महीनों में तेज प्रताप यादव लगातार अलग-अलग जिलों में दौरे करते नजर आए। उन्होंने जनसभा, युवा सम्मेलन और कार्यकर्ता मीटिंग्स के जरिए संगठन मजबूत करने का काम किया। तेज प्रताप का कहना है कि वे “साफ-सुथरी राजनीति” और “युवाओं की आवाज़” को मंच देना चाहते हैं। उन्होंने कहा, 'राजनीति में अब नया अध्याय शुरू होगा। अब जनता के फैसले को कोई नजरअंदाज नहीं कर सकेगा। मेरी पार्टी आम लोगों की आवाज़ बनेगी।'

RJD के लिए मुश्किल बढ़ेगी?

माना जा रहा है कि तेज प्रताप यादव का यह कदम RJD के लिए सीधे तौर पर राजनीतिक नुकसान साबित हो सकता है। लालू परिवार की छवि पर भी इसका असर पड़ना तय है। वहीं, भाजपा और जदयू इस विभाजन को “वोट कटवा फैक्टर” के रूप में अपने फायदे में भुनाने की कोशिश कर सकती हैं। बिहार की राजनीति में हमेशा से ही यादव परिवार की भूमिका अहम रही है। अब जब तेजस्वी और तेज प्रताप आमने-सामने दिख रहे हैं, तो 2025 का यह चुनाव सिर्फ सत्ता की नहीं, बल्कि परिवार की साख और भविष्य की राजनीति की लड़ाई बन चुका है।