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बिहार चुनाव: अमित शाह पर प्रशांत किशोर का तंज, कहा-बिहार में पहले बूथ लुटता था, अब उम्मीदवार लूटाने लगा

बिहार चुनाव प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में बूथ लूटने की पहले हुआ करता था, लेकिन अब बीजेपी के लोग उम्मीदवार लूट ले रहे हैं। उन्होंने दानापुर से जन सुराज पार्टी के प्रत्याशी अखिलेश कुमार उर्फ मुटुर साव की चर्चा करते हुए कहा कि अमित शाह और भाजपा धमकाकर नामांकन करने से रोक दिया

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प्रशांत किशोर (जनसुराज नेता)

बिहार में पहले बूथ लूटा जाता था, लेकिन अब तो बिहार में उम्मीदवार को ही लूट लिया जा रहा है। जन सुराज के प्रमुख प्रशांत किशोर ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर तंज कसते हुए ये बातें कही। उन्होंने कहा कि अमित शाह ने हमारे 3-4 उम्मीदवार को लूट लिया है। लेकिन, गोपालगंज में आज एक सूद समेत वापस मिल गया है। बाकी का हिसाब बिहार की जनता करेगी। दरअसल, जन सुराज गोपालगंज में निर्दलीय उम्मीदवार अनूप श्रीवास्तव को अपना समर्थन देने का एलान किया है। पीके ने दानापुर, गोपालगंज और ब्रह्मपुर सीट की चर्चा करते हुए कहा कि गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भाजपा नेताओं पर दबाव बनाकर जन सुराज के प्रत्याशियों को नामांकन नहीं करने या नॉमिनेशन वापस लेने के लिए मजबूर किया है।

बिहार मजदूरों की फैक्ट्री नहीं बनेगा

शुक्रवार को पश्चिमी चंपारण में प्रशांत किशोर ने एक जनसभा को संबोधित करने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार में पहले बूथ लुटता था। लेकिन अब अमित शाह बिहार में उम्मीदवार लूटने का नया काम शुरू किया है। पीके ने आगे कहा कि जनता देख रही है कि गुजराती दिल्ली में बैठकर बिहार को मजदूरों की फैक्ट्री बनाने में लगे हैं। ताकि बिहार के बच्चे गुजरात में मजदूरी करें और गुजरात के लोग फैक्ट्री के मालिक बने रहें। उन्होंने कहा कि जो लोग बीजेपी को वोट देगा वो अपने बच्चों को मजदूर बनाने के लिए जिम्मेदार होगा।

छठ में कहां चल रही 1200 ट्रेनें

पीएम मोदी पर तंज कसते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार के लिए छठ में 12000 ट्रेन का वादा किया गया था। ट्रेन कब और कहां चल रही है। बिहार के बच्चे छठ में अपने घर आने के लिए देश भर के स्टेशन पर लाठी और धक्का खा रहे हैं। जो इस सब के बाद भी आ रहे हैं वे सीढ़ियों-शौचालयों में बैठकर आने को मजबूर हैं। लेकिन अब बिहार के लोग की राजनीतिक बंधुआ मजदूरी नहीं करेंगे।


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