बिहार की राजनीति पर आधारित वेबसीरीज। (फोटो सोर्स: IMDb)
Web Series Based On Bihar Politics: बिहार में आने वाले दिनों में असेम्बली चुनाव होने वाले हैं और राजनितिक गलियारों में हलचल है, किसी को चुनाव टिकट मिल रहा है तो किसी का टिकट कैंसिल हो रहा है। साफ-सीधे तौर पर बोला जाए तो बिहार में इन दिनों राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ी हुई हैं। खैर, हम आपको बिहार की राजनीति के बारे में नहीं, बल्कि बिहार राजनीति पर आधारित कुछ वेब सीरीज (Web Series Based On Bihar Politics) के बारे में बताने जा रहे हैं जिनको ऑडियंस ने बहुत पसंद किया। बिहार की पृष्ठभूमि पर बनी इन वेबसीरीज में पॉलिटिक्स और क्राइम का डायरेक्ट कनेक्शन देखने को मिलेगा।
OTT प्लेटफॉर्म्स पर मौजूद इस Web Series में दिखाया गया है कि कैसे बिहार की राजनीति में दबंगों और बाहुबली लोगों का दबदबा रहता है। आइये जानते हैं उन वेबसीरीज के बारे में, जिनमें बिहार के खूबसूरत रंगों के साथ ही वहां की बदरंग सच्चाई को दिखाया गया है।
इस लिस्ट में टॉप पर है 'मिर्जापुर' सीरीज। इस सीरीज के तीन सीजन आ चुके हैं। मिर्जापुर के पहले सीजन में दिखाया गया है कि कैसे कालीन भैया अपने व्यापार को आगे बढ़ाने के लिए बबलू भैया और गुड्डू भईया को अपने साथ मिला लेते हैं। कालीन भईया का व्यापार उत्तर प्रदेश के साथ-साथ बिहार में भी फैला हुआ है। दूसरे सीजन में बिहार के एक बड़े गैंग को दिखाया गया है, जो कालीन भईया का डायरेक्ट कॉम्पिटिटर है। वहीं, इसके तीसरे सीजन में बिहार और मिर्जापुर के बाहुबलियों के बीच की गैंगवॉर और पॉलिटिक्स को दिखाया गया है।
कहां देखें: Prime Video
IMDb Rating: 8.4/10
अब बारी आती है इस लिस्ट की दूसरी सीरीज की जिसका नाम है 'ग्रहण'। वामिका गब्बी, अंशुमान पुष्कर, और पवन मल्होत्रा स्टारर ये सीरीज एक उपन्यास 'चौरासी' पर आधारित है। सत्य व्यास द्वारा लिखित इस नॉवेल में 1984 में हुए बोकारो (झारखंड) में हुए सिख दंगों पर आधारित है। तब झारखंड बिहार का हिस्सा था। ऐसा माना जाता है कि 41 साल पहले बोकारो में हुए इन सिख दंगों में तत्कालीक बिहार सरकार की भी काफी अहम भूमिका थी। इस सीरीज में उस दौर का भयानक मंजर और दंगा पीड़ितों की दर्दनाक कहानी को बखूबी दिखाया गया है।
कहां देखें: Jio Hoststar
IMDb Rating: 8.3/10
इस लिस्ट में तीसरा नंबर मिला है 'खाकीः द बिहार चैप्टर' को। एक सत्य घटना पर आधारित इस सीरीज में प्रशासन की मार झेल एक लड़के की आम आदमी से गुंडा बनने तक की कहानी को दिखाया गया है। ये एक क्राइम थ्रिलर सीरीज है, जिसमें करण टैकर और अविनाश तिवारी लीड रोल में नजर आये हैं।
कहां देखें: Netflix
IMDb Rating: 8.1/10
चौथे नंबर पर है महारानी वेब सीरीज। बिहार की पॉलिटिक्स की चर्चा हो और हुमा कुरैशी (Huma Qureshi) और सोहम शाह (Soham Shah) अभिनीत महारानी वेब सीरीज की बात न हो ऐसा तो मुश्किल ही है। सीरीज में दिखाया गया है कि कैसे एक अनपढ़ महिला अपने मुख्यमंत्री पति के एक्सीडेंट के बाद कुछ समय के लिए बतौर कार्यवाहक मुख्यमंत्री उनके पद पर बैठती है। जिसके बाद उसको राज्य में फैले जाति-आधारित राजनीति, भ्रष्टाचार, सत्ता संघर्ष और चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। कैसे वो इस राजनीति के दलदल में फंसती चली जाती है, यही है इस सीरीज की कहानी। इस सीरीज के 3 सीजन आ चुके हैं। इसके बारे में ये भी कहा गया था कि ये लालू प्रसाद की पत्नी राबड़ी देवी पर आधारित है जिस वजह से इस पर खूब विवाद भी हुआ था।
कहां देखें: SonyLiv
IMDb Rating: 7.9/10
इस लिस्ट में पांचवें नंबर पर आता है 'रंगबाजः डर की राजनीति' सीरीज का नाम। ये सीरीज बिहार-उत्तर प्रदेश के अपराधी-राजनीति के रिश्तों को उजागर करती है। ये कहानी है एक गैंगस्टर की आम आदमी से सत्ता तक पहुंचने की। इस कहानी में दिखाया गया है कि कैसे एक कॉलेज स्टूडेंट जातिवाद के कारण नामी गैंगस्टर बन जाता है। बिहार की बहुचर्चित ‘गैंगस्टर-पॉलिटिशियन’ संस्कृति को इस सीरीज में दिखाया गया है, जो चुनावी राजनीति की एक सच्चाई है। रंगबाज के तीन सीजन आ चुके हैं।
कहां देखें: Zee5
IMDb Rating: 7.8/10
बिहार की राजनीति पर आधारित ये सीरीज इस लिस्ट में छठे नंबर पर आती है। जो झारखंड के Jamtara जिले की कहानी हैं 'जामताड़ा', जहां गांव में बैठे छोटे-छोटे साइबर अपराधी फोन पर ओटीपी पूछते, फोन पर फंसा कर लोगों को ठगने का काम करते हैं। इनके इस काम में पुलिस और बाद में नेताओं का इन्वोल्वमेंट भी हो जाता है। और धीरे-धीरे इन्हें राजनीतिक समर्थन मिल जाता है और ये स्थानीय राजनीति के दलाल बन जाते हैं। नेता इनका इस्तेमाल वोट बैंक और सत्ता बढ़ाने के लिए करते हैं। यह सीरीज दिखाती है कि किस तरह स्थानीय भ्रष्ट नेता युवाओं को इस्तेमाल करते हैं। अभी तक इस सीरीज के दो सीजन आ चुके हैं।
कहां देखें: Netflix
IMDb Rating: 7.3/10
बिहार के चुनावी माहौल में भी ये मुद्दे अक्सर सामने आते हैं, इसलिए यह सीरीज और फिल्में वहां की राजनीतिक असमानताओं की कहानी से मेल खाती हैं। इनसे दर्शकों को कुछ हद तक राजनीति की सच्चाई का अंदाजा लगता है। इससे केवल मनोरंजन ही नहीं बल्कि वास्तविक राजनीति की जानकारी भी हासिल की जा सकती है।
Published on:
16 Oct 2025 07:49 pm
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