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आपकी बात…सड़कों पर बढ़ते वाहनों और जाम की समस्या से निजात पाने के लिए क्या विशेष उपाय किए जाने चाहिए?

पाठकों ने इस पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं दी हैं। प्रस्तुत हैं पाठकों की चुनिंदा प्रतिक्रियाएं...

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जयपुर

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VIKAS MATHUR

Sep 18, 2025

कार्यस्थलों पर लचीले समय को मिले प्रोत्साहन
कार-पूलिंग और कार्यस्थलों पर लचीले समय को प्रोत्साहन मिले। बैंगलूरु, गुडगांव जैसे शहरों में सप्ताह में कई कं​पनियों ने सप्ताह में तीन दिन तक वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दी है। इसके अलावा सार्वजनिक परिवहन को सुविधाजनक और किफायती बनाया जाए। मेट्रो, बस रैपिड ट्रांजिट और साझा वाहन सेवाओं को बढ़ावा दिया जाए। इलेक्ट्रिक साइकिल और पैदल मार्गो की सुरक्षा हो। सख्त पार्किंग नियम बने। अवैध अतिक्रमण हटें।
अमृतलाल मारू 'रवि', इन्दौर मप्र

कारों में अनावश्यक घूमना बन गया है स्टेटस सिंबल, लगे रोक
सडकों पर जाम के लिए जिम्मेदार बडी व लग्जरी कारों की बढती संख्या है। भारत में बडी बडी गाडियों में चलना स्टेटस सिंबल समझा जाता है । जितनी बडी गाडी, उतना ही अ​धिक स्टेटस और अंहकार। कई बार बडी कारों में पांच के स्थान पर एक सवारी ही नजर आती है। यही गाडियां सडकों पर जाम का बडा कारण है। चाहे कितनी ही सडकें चौडी हो जाएं, शहरों में फ्लाई ओवर की संख्या बढ जाए लेकिन जब तक लोगों की मानसिकता नहीं बदलेगी, जाम से निजात पाना दूर की कौडी है। यदि ये कम हो जाएं तो सडकें खाली खाली नजर आएंगी। उच्च अधिकारियों व नेताओं को आम जनता के सामने आदर्श प्रस्तुत करना पडेगा। दूसरा, सडकों से अ​तिक्रमण को हटाने के लिए भी शहरी सरकार को गंभीर प्रयास करने होंगे।
— रिंकी माथुर, जयपुर

स्मार्ट ट्रैफिक सिग्नल लगाए जाएं
बस, मेट्रो और ई-रिक्शा जैसे साधनों की संख्या और उनकी गुणवत्ता बढ़ाई जाए ताकि लोग निजी वाहनों की बजाय उनका उपयोग करें। कारपूलिंग तथा राइड-शेयरिंग ऐप्स को प्रोत्साहन दिया जाए। फ्लाईओवर, अंडरपास और रिंग रोड बढाए जाएं। साथ ही स्मार्ट ट्रैफिक सिग्नल लगाए जाएं। अवैध पार्किंग पर कड़ी कार्रवाई और मल्टी-लेवल पार्किंग की व्यवस्था हो। ट्रैफिक नियमों का सख्ती से पालन कराया जाए और लोगों को जागरूक किया जाए कि वे बिना आवश्यकता वाहन न निकालें।
— मनीष अनंत
जगदलपुर, बस्तर छत्तीसगढ़

सार्वजनिक परिवहन को मिले बढावा
इसके लिए सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देना चाहिए। बसों और ट्रेनों जैसी कुशल और विश्वसनीय सार्वजनिक परिवहन प्रणालियों का विस्तार करना चाहिए, ताकि लोग निजी वाहनों की जगह इनका उपयोग करें। सड़कों का विस्तार हो व मौजूदा सड़कों को चौड़ा किया जाए।
-मास्टर इन्द्रपाल ढाका, हनुमानगढ़

निजी वाहनोंं की जगह कार पूलिंग, ई—रिक्शा को मिले बढावा
सार्वजनिक परिवहन को आधुनिक व सुविधाजनक बनाना बहुत आवश्यक है। लोगों को निजी वाहन की बजाय मेट्रो, बस, ई-रिक्शा व कारपूलिंग अपनाने हेतु प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। स्मार्ट ट्रैफिक सिस्टम, सिग्नल समन्वय और उचित पार्किंग व्यवस्था से यातायात सुगम होगा। साथ ही साइकिल ट्रैक व पैदल पथ विकसित कर छोटे सफ़र में वाहन उपयोग घटाया जा सकता है। जागरूकता और नियमों का पालन ही स्थायी समाधान है।
—इशिता पांडेय, कोटा

वन वे और अंडरपास ओवरब्रिज ही सही उपाय
बढ़ते वाहनों और जाम को कई जगह चिन्हित करके वन वे जोन बनाने चाहिए। साथ ही सिग्नल्स की टाइमिंग भी बहुत महत्वपूर्ण होती है । शहरों में अधिक जाम वाले स्थानों पर अंडरपास और ओवरब्रिज बनाकर भी ट्रैफिक को सुगम बनाया जा सकता है
— धीरेन्द्र श्रीमाली, निम्बाहेड़ा चित्तौड़गढ़

छोटे-छोटे काम के लिए पैदल चलने की आदत बने
परिवहन विभाग को नए वाहनों की खरीद पर पाबंदी लगानी चाहिए। बड़े शहरों में सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देना चाहिए जिससे निजी वाहनों की संख्या कम होगी। लोगों को छोटे-छोटे काम के लिए पैदल चलने और साइकलिंग को बढ़ावा देना होगा। सड़कों पर फुटपाथ बनाए जाये। जाम को कम करने के लिए ट्रैफिक मैनेजमेंट में भी सुधार लाना चाहिए। साथ ही वाहनों में जीपीएस सुविधा अनिवार्य की जानी चाहिए।
— नूरजहां रंगरेज, भीलवाड़ा

सडकों पर से अतिक्रमण हटे
अतिक्रमण हटने से जाम में कमी आ सकती है। गांवों से शहरों में रोजगार की तलाश में आने वाले लोग सडक किनारे ही स्टॉल लगा लेते हैं, जिससे जाम की स्थिति बनती है। सरकार को गांवों में ही रोजगार बढाना होगा। साथ ही सार्वजनिक वाहनों का अधिक से अधिक इस्तेमाल से भी वाहनों की संख्या भी कमी हो सकती है।
— साजिद अली इंदौर।