
H3N2 influenza
सावधानी हटी और दुर्घटना घटी। यह नारा आम तौर पर सड़क परिवहन के संदर्भ में सजगता से वाहन चलाने के लिए प्रयुक्त होता है। लेकिन अब कोरोना महामारी के बाद यह नारा आम जीवन का हिस्सा हो गया है। कोरोना महामारी के दौरान हम सभी ने मास्क लगाना, सेनिटाइजर का उपयोग और रोजमर्रा के जीवन में हाइजीन की सावधानी रखी। कोरोना के मामलों में कमी आने के बाद जैसे जैसे जीवन सामान्य होता गया इस सावधानी में कमी आने लगी। लेकिन खतरा अभी टला नहीं है।
हालांकि यह कोरोना जैसी आपदा नहीं है। ताजा संकट एच3एन2 वायरस के रूप में सामने आ रहा है। इंफ्लुएंजा का यह रूप सामान्य खांसी के लम्बे दौर, सांस लेने में कठिनाई, बुखार व अन्य लक्षणों के रूप में प्रकट हो रहा है। चिकित्सक इसे जीवन के लिए खतरा नहीं बता रहे हैं पर उनका यह भी कहना है कि यदि शरीर को कोई अन्य कठिनाई हो तो यह जोखिम भरा हो सकता है। देश में सबसे पहले कर्नाटक के हासन में एक बुजुर्ग की इससे मृत्यु होने की पुष्टि हुई थी। इसके बाद हरियाणा, गुजरात व अन्य जगहों पर भी मामले सामने आए हैं। जो मामले सामने आए हैं उनमें बच्चों और बुजुर्ग ज्यादा हैं। खासतौर पर पांच साल से कम उम्र के बच्चों के आईसीयू में भर्ती होने के मामलों में तेजी आई है। केन्द्र और राज्यों की सरकारों ने इस बीमारी पर नजर रखने के लिए अलर्ट जारी किया है। केन्द्र और प्रदेश स्तरों पर नियंत्रण कक्ष भी स्थापित हुए हैं। चिकित्सकों के अनुसार पोस्ट कोरोना समय में रोग प्रतिरोधक क्षमता पर निरन्तर ध्यान देते रहने की जरूरत है। इस वायरस से मुकाबला हमारी सजगता से ही संभव है। हमें एक बार फिर से अपनी जीवनशैली में सावधानी को आवश्यक कारक के रूप में शामिल करना होगा और आवश्यकतानुसार मास्क और सेनीटाइजर का प्रयोग करना होगा। सरकार को भी कोविड के दौर में सक्रिय रहने के बाद अब ढीले हो चुके चिकित्सा तंत्र को फिर से सक्रिय करना होगा ताकि किसी प्रकार के संकट से समय रहते निपटा जा सके। कोविड के समय बढ़ी चिकित्सा जरूरतों के चलते अस्पतालों में कई संसाधनों का इजाफा किया गया था। लेकिन कोविड के असर के कम होने के बाद अस्पतालों में उन संसाधनों को या तो तालाबंद कर दिया गया है या उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। यदि ऐसा ही हाल बना रहा तो एकाएक आवश्यकता के समय ये संसाधन अनुपयोगी साबित हो जाएंगे। अत: यह वक्त है जब देश भर के चिकित्सा बेड़े को अपने तमाम संसाधनों की संभाल कर लेनी चाहिए। जहां तक आम जनता के रूप में हमारी भूमिका की बात है तो हमें अभी वही करना चाहिए जो चिकित्सक कह रहे हैं और उनका कहना है कि सावधानी आवश्यक है और लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। कोरोना जैसा बड़ा संकट गुजर गया तो उसके बाद अब इस वायरस से मुकाबला कठिन नहीं है पर इसके लिए एहतियात बरतना जरूरी है।
Published on:
15 Mar 2023 07:37 pm
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