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डोली भूमि गिरत दसकंधर, छुभित सिंधु सरि दिग्गज भूधर…

- विजयदशमी महोत्सव: रावण, कुंभकर्ण व मेघनाद के पुतलों का दहन

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श्रीगंगानगर. ‘डोली भूमि गिरत दसकंधर, छुभित सिंधु सरि दिग्गज भूधर। धरनि परेउ द्वयौ खंड बढ़ाई, चापि भालू मर्कट समुदाई। यह चौपाई रामायण के उस प्रसंग की है, जिसमें बताया गया है कि किस तरह श्रीराम के तीर से रावण के सिर और धड़ अलग होकर धरती पर गिरने के समय वहां माहौल रहा होगा। यह चौपाई गुरुवार को श्रीगंगानगर के सुखाडि़या सर्किल रामलीला मैदान में विजयदशमी महोत्सव के दौरान साकार होती नजर आई जब रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतलों को आग ने अपनी आगोश में लिया और धूं-धूं जलते पुतले के सिर, धड़ और हाथ पटाखों के धमाकों के बीच जमीन पर आकर गिरे।