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माय लॉर्ड: 75 मेनहोल व 4 किलोमीटर सीवर लाइन तोड़, स्वर्ण रेखा में सीवर का सैलाब

The contractor damaged the elevated road, 25 years ago PHE had laid a 13.5 km trunk line.

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The contractor damaged the elevated road, 25 years ago PHE had laid a 13.5 km trunk line.

The contractor damaged the elevated road, 25 years ago PHE had laid a 13.5 km trunk line.

स्वर्ण रेखा नदी में बिछी सीवर लाइन के 75 मेनहोल व 4 किलो मीटर सीवर लाइन टूट गई है। यह एलिवेटेड रोड के निर्माण के दौरान टूटी है। इसके टूटने से स्वर्ण रेखा नदी में सीवर का सैलाब आ गया है। शहर के बीच से सीवर बहने लगा है। साथ ही कॉलोनी से आने वाला सीवर मैनट्रंक लाइन में नहीं जा पा रहा है, क्योंकि लाइन बंद हो चुकी है। इससे कॉलोनी की सीवर लाइनों में भी दिक्कत हुई है। स्वर्ण रेखा नदी लाइन टूटने से शहर के बीच से गंदगी बहेगी। मेनहोल व ट्रंक लाइन को तोडऩे को लेकर नगर निगम व सेतु संभाग आमने सामने आ गए हैं। सेतु संभाग का आरोप है कि पानी निकालने के लिए खुद निगम ने चेंबर तोड़े हैं। जबकि नगर निगम ठेकेदार पर आरोप लगा रही है। वहीं दूसरी ओर नगर निगम ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की बैठक में भी स्वर्ण रेखा नदी की मुख्य लाइन क्षतिग्रस्त किए जाने का मुद्दा भी उठाया।

दरअसल लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने 25 वर्ष पहले स्वर्ण रेखा नदी में 13.5 किलोमीटर लंबी सीवर की लाइन बिछाई थी। शहर की कॉलोनी से आने वाले सीवर की लाइनों का इसमें मिलान किया गया था। जिससे नदी में सीवर का पानी रुक जाए। जल संसाधन विभाग ने नदी को पक्का किया था। नदी में स्वच्छ पानी बह सके। नदी में स्वच्छ पानी तो नहीं बहा, लेकिन पुरानी लाइन थी, वह क्षतिग्रस्त हो गई है। एलिवेटेड के पहले फेस में लाइन प्रभावित हुई है। दूसरे फेस में भी लाइन टूटने की संभावना है, क्योंकि पुल नदी के ऊपर से होते हुए जाएगा।

मेनहोल टूटने से जमा हो गया मलवा

सीवर लाइन का मेनहोल टूटने से लाइन के अंदर कचरा जमा हो गया है। साथ ही लाइन टूट भी गई है। इससे लाइन में पानी का फ्लो सही नहीं जा रहा है। लाइन से पानी निकलकर नदी में जा रहा है।

- लाइन जम होने से पूरी बारिश में लोगों ने परेशानी का सामना किया है, क्योंकि ट्रंक लाइन में पानी नहीं जाने से घरों में वापस हो गया। सीवर जाम होने की समस्या अब आने वाले समय में भी रहेगी। वर्तमान में स्वर्ण रेखा नदी में चार से पांच फीट सीवर का पानी बह रहा है।

2019 से हाईकोर्ट में लंबित है जनहित याचिका

- स्वर्ण रेखा नदी के बदहाली को लेकर हाईकोर्ट में 2019 से जनहित याचिका दायर है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद स्वर्ण रेखा नदी के दोनों किनारों पर नई ट्रंक लाइन बिछाने के लिए डीपीआर तैयार की गई। डीपीआर मैनिट से परीक्षण के बाद शासन को भेजी गई थी।

- दोनों ओर ट्रंक लाइन बिछाने का खर्च 500 करोड़ से अधिक का खर्च बताया था। जनहित याचिका पर लंबे समय से सुनवाई नहीं हुई है।

स्वर्ण रेखा जोन पर सीवर का इतना बढ़ेगा दबाव

वर्ष जनसंख्या एमएलडी

2025 968475 145.27

2040 1267607 190.14

2055 1646399 246.96

(वर्तमान में स्वर्ण रेखा नदी में वर्तमान में 9 लाख 68 हजार 475 लोगों का उपयोग किया हुआ 145.27 एमएलडी पानी आ रहा है।)

- हमारे से दो चेंबर टूटे थे, जिन्हें सही करा दिया है। चार महीने से काम बंद है। निगम ने गलत आरोप लगाए हैं। सीवर लाइन से पानी निकालने के लिए नगर निगम ने खुद चैंबर तोड़े हैं। समीक्षा बैठक में भी इसकी जानकारी दी थी। सीवर चेंबर तोड़ते हुए के साक्ष्य भी हैं।

जोगेंदर सिंह, कार्यपालन यंत्री सेतू संभाग